11 October 2018

WISDOM ------ शासक स्तर के व्यक्ति को बुद्धि , शक्ति और चरित्र जैसी विभूतियों से संपन्न होना चाहिए ---- चाणक्य

 चाणक्य  द्वारा  लिखित  ' अर्थशास्त्र '    राज्य  व्यवस्था  का  प्रमुख  मार्गदर्शक  माना  जाता  है  l   चाणक्य  ने  अपने  निष्ठावान  शिष्य  चन्द्रगुप्त  को  शस्त्र  और  शास्त्र  दोनों  की  शिक्षा  दी  l  उसके  साथ  ही   चरित्र  गठन  की  ओर  भी  ध्यान  दिया  l  उनका  मत  था  कि  चरित्र  ही  समस्त  सफलताओं  और  सदुद्देश्यों  को  प्राप्त  करने  का  मुख्य  आधार  है  l  इसके   अभाव  में  बड़े - बड़े   शक्तिशाली  साम्राज्य   और  सम्राटों  का  नाश  और  पतन  हुआ  है  l   साधारण  से  साधारण  व्यक्ति  के  लिए   भी  चरित्र  उतना  ही  उपयोगी  है   जितना  कि  उच्च  प्रतिष्ठित  और  शासन  तथा  अधिकारियों  के  लिए   क्योंकि  चिरस्थायी  शान्ति   और  अपने  उत्तरदायित्व   को  समझने  तथा  उसे  पूरा  करने  की  क्षमता  चरित्र - साधना  से  ही  उत्पन्न  होती  है  l  
  यथा  राजा   तथा  प्रजा   के  अनुसार  चन्द्रगुप्त  के  शासन  काल  में   लोग  भी  उतने  ही  सदाचारी  और  एक  दूसरे  का  ध्यान  रखने  वाले  हो  गए  थे   l   बाहर  का  कोई  भी  शत्रु   राष्ट्र  की  सीमा  को  वेध  नहीं  सकता  था   l   चन्द्रगुप्त  मौर्य  ने  भारतीय  इतिहास  में   एक  स्वर्ण  अध्याय  ---- अपनी  कर्म  लेखनी  से  लिख  डाला  l  

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