आज मनुष्य खुशियों कीं तलाश में सारी उम्र बाहर भटकता रहता है लेकिन उसे कहीं शांति नहीं मिलती l खुशियों का यह खजाना , मन की शांति उसके अन्तस् में ही है l बस ! उसे पाने के लिए सदाचार , सत्कर्म और सकारात्मक सोच की जरुरत है l
एक कथा है ---- एक भिखारी था , वह जिन्दगी भर एक ही जगह बैठकर भीख मांगता रहा l उसकी इच्छा थी कि वह भी धनवान बने , इसलिए वह दिन में ही नहीं , रात में भी भीख माँगा करता था l जो कुछ उसे भीख में मिलता उसे खरच करने के बजाय जोड़ता ही रहता l अपनी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए उसने दिन - रात भरपूर कोशिश की , लेकिन वह कभी भी धनवान न हो सका l वह भिखारी की तरह जिया और भिखारी की तरह मरा l
जब वह मरा तो कफन के लायक भी पूरे पैसे उसके पास नहीं थे l आसपास ले लोगों ने उसका झोंपड़ा तोड़ दिया , फिर सबने मिलकर वहां की जमीन साफ की l सफाई करने वाले इन सभी को तब भारी आश्चर्य हुआ , जब उन्हें उस जगह पर बड़ा भारी खजाना गड़ा हुआ मिला l यह ठीक वही जगह थी , जिस जगह पर बैठकर वह भिखारी जिन्दगी भर भीख माँगा करता था l जहाँ पर वह बैठता था , उसके ठीक नीचे यह भारी खजाना गड़ा हुआ था l
आज मनुष्य की हालत कुछ ऐसी ही है l वह बाहरी चीजों में ही खुशियों को तलाशता रहता है , किन्तु पाता कुछ भी नहीं है l
एक कथा है ---- एक भिखारी था , वह जिन्दगी भर एक ही जगह बैठकर भीख मांगता रहा l उसकी इच्छा थी कि वह भी धनवान बने , इसलिए वह दिन में ही नहीं , रात में भी भीख माँगा करता था l जो कुछ उसे भीख में मिलता उसे खरच करने के बजाय जोड़ता ही रहता l अपनी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए उसने दिन - रात भरपूर कोशिश की , लेकिन वह कभी भी धनवान न हो सका l वह भिखारी की तरह जिया और भिखारी की तरह मरा l
जब वह मरा तो कफन के लायक भी पूरे पैसे उसके पास नहीं थे l आसपास ले लोगों ने उसका झोंपड़ा तोड़ दिया , फिर सबने मिलकर वहां की जमीन साफ की l सफाई करने वाले इन सभी को तब भारी आश्चर्य हुआ , जब उन्हें उस जगह पर बड़ा भारी खजाना गड़ा हुआ मिला l यह ठीक वही जगह थी , जिस जगह पर बैठकर वह भिखारी जिन्दगी भर भीख माँगा करता था l जहाँ पर वह बैठता था , उसके ठीक नीचे यह भारी खजाना गड़ा हुआ था l
आज मनुष्य की हालत कुछ ऐसी ही है l वह बाहरी चीजों में ही खुशियों को तलाशता रहता है , किन्तु पाता कुछ भी नहीं है l
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