भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अपने विराट और विश्वरूप को दिखलाते हुए स्वयं को संहारकारी काल के रूप में घोषित किया है l काल का प्रवाह प्रचंड होता है l इस संसार में हर व्यक्ति की अपनी भूमिका होती है l बुद्धिमत्ता तो यही है काम पूरा होते ही उससे विदा ले लेनी चाहिए l काम के बाद एक पल भी ठहरना अच्छा नहीं है l विवेकानंद कहते थे --- " माँ का काम करने के बाद मैं यहाँ एक क्षण भी ठहरना नहीं चाहता l " उनका काम पूरा होते ही वे इस धरती से विदा हो गए l
फ्रांस की राज्य क्रांति में नेपोलियन सहित चार प्रमुख व्यक्तियों का योगदान था l नेपोलियन के आलावा अन्य तीनो जनसामान्य के रूप में प्रकट हुए और अपना काम करके विदा हो गए l इतिहास के अनुसार नेपोलियन ने अनेक महान कार्य किए लेकिन वह अहंकारी था l इस अहंकार के कारण महान कार्य करने वाले भी एक दिन नष्ट हो जाते हैं l फ्रान्स की राज्य क्रांति काल की अभिव्यक्ति थी l जो लोग स्वयं को भगवान का यंत्र मानकर कार्य करते हैं , अपनी सफलता का सारा श्रेय भगवान को देते हैं , समाज में उन्ही की प्रतिष्ठा होती है l लेकिन जो अहंकारी हैं , स्वयं पर गर्व करते हैं कि महान घटनाओं के जन्मदाता वही हैं , वे बड़ी भ्रान्ति में रहते हैं l अहंकार के कारण वे काल की गहरी खाई में जा गिरते हैं l नेपोलियन के कार्य इतिहास प्रसिद्ध हैं किन्तु उसका अवसान अत्यंत दर्दनाक हुआ l
फ्रांस की राज्य क्रांति में नेपोलियन सहित चार प्रमुख व्यक्तियों का योगदान था l नेपोलियन के आलावा अन्य तीनो जनसामान्य के रूप में प्रकट हुए और अपना काम करके विदा हो गए l इतिहास के अनुसार नेपोलियन ने अनेक महान कार्य किए लेकिन वह अहंकारी था l इस अहंकार के कारण महान कार्य करने वाले भी एक दिन नष्ट हो जाते हैं l फ्रान्स की राज्य क्रांति काल की अभिव्यक्ति थी l जो लोग स्वयं को भगवान का यंत्र मानकर कार्य करते हैं , अपनी सफलता का सारा श्रेय भगवान को देते हैं , समाज में उन्ही की प्रतिष्ठा होती है l लेकिन जो अहंकारी हैं , स्वयं पर गर्व करते हैं कि महान घटनाओं के जन्मदाता वही हैं , वे बड़ी भ्रान्ति में रहते हैं l अहंकार के कारण वे काल की गहरी खाई में जा गिरते हैं l नेपोलियन के कार्य इतिहास प्रसिद्ध हैं किन्तु उसका अवसान अत्यंत दर्दनाक हुआ l
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