आचार्य श्री का कहना है ---- " आज जो पत्र निकल रहे हैं , उनमे न तो मिशनरी जोश है और न वैसा कार्यक्रम लेकर चलते हैं l अब ऐसे पत्र - पत्रिकाओं को बड़ी संख्या में प्रकाशित होना चाहिए , जो पत्रकारिता को व्यवसाय नहीं , मिशन समझें और मानव जीवन के हर पहलू पर प्रकाश उत्पन्न कर सकें l सत्साहित्य सृजन --- युग की महान आवश्यकता है l "
पत्रकार का कार्य लोकहित के मुद्दों के पक्ष में लोकमत तैयार करना है l साथ ही अनीति , अन्याय व अत्याचार के खिलाफ ऐसे प्रचंड जनाक्रोश को जन्म देना है जिससे प्रशासन व व्यवस्था हिल जाये l वे अपने को , अपनी नीतियों को परिवर्तित करने के लिए विवश हो जाएँ l महान पत्रकार गणेशशंकर विद्दार्थी के शब्द हैं ---- " यदि तुम सच्चे पत्रकार बनना चाहते हो तो देश के दुःख से दुःखी होना सीखो l देशवासियों की पीड़ा और प्रताड़ना से स्वयं को पीड़ित व प्रताड़ित अनुभव करो l यह अनुभूति ही तुम्हे सच्चा पत्रकार बनाएगी l "
आज की पीढ़ी के अधिकांश पत्रकार सत्ता , सरकार और समर्थ लोगों पर अपना सब कुछ निछावर करते हैं l आचार्य श्री का कहना है --- ' पत्रकार और पत्रकारिता तो सामाजिक - राष्ट्रीय जीवन का प्रकाश है , इन्हे उत्तरोत्तर तीव्र और प्रखर होना चाहिए l "
पत्रकार का कार्य लोकहित के मुद्दों के पक्ष में लोकमत तैयार करना है l साथ ही अनीति , अन्याय व अत्याचार के खिलाफ ऐसे प्रचंड जनाक्रोश को जन्म देना है जिससे प्रशासन व व्यवस्था हिल जाये l वे अपने को , अपनी नीतियों को परिवर्तित करने के लिए विवश हो जाएँ l महान पत्रकार गणेशशंकर विद्दार्थी के शब्द हैं ---- " यदि तुम सच्चे पत्रकार बनना चाहते हो तो देश के दुःख से दुःखी होना सीखो l देशवासियों की पीड़ा और प्रताड़ना से स्वयं को पीड़ित व प्रताड़ित अनुभव करो l यह अनुभूति ही तुम्हे सच्चा पत्रकार बनाएगी l "
आज की पीढ़ी के अधिकांश पत्रकार सत्ता , सरकार और समर्थ लोगों पर अपना सब कुछ निछावर करते हैं l आचार्य श्री का कहना है --- ' पत्रकार और पत्रकारिता तो सामाजिक - राष्ट्रीय जीवन का प्रकाश है , इन्हे उत्तरोत्तर तीव्र और प्रखर होना चाहिए l "
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