ईश्वर सत्य है ' जिसने भी इस धरती पर जन्म लिया उसकी मृत्यु निश्चित है l लेकिन मृत्यु का भय व्यक्ति को जीवित रहते हुए भी मृत्यु तुल्य बना देता है l वह मृत्यु के भय से इधर - उधर भागता है या छिपता फिरता है , जीवन का आनंद नहीं ले पाता l निडर होकर जीवन जीने में ही जीवन जीने का आनंद है l जो ईश्वर विश्वासी हैं वे जानते हैं कि ईश्वर ने उन्हें धरती पर रहने का जितना वक्त दिया है , उसमें एक पल का भी हेरफेर संभव नहीं है , इसलिए वे निडर होकर जीवन जीते हैं l
महाभारत का प्रसंग है ---- दुर्योधन ने भीष्म पितामह पर आक्षेप किया कि वे अर्जुन के प्रति मोह रखते हैं , इसलिए पूरा शौर्य प्रकट नहीं करते हैं l इस पर भीष्म ने प्रतिज्ञा की ---- कल के युद्ध में मैं या अर्जुन - में से एक की मृत्यु होगी l भीष्म की प्रतिज्ञा से पांडवों में खलबली मच गई l स्वयं कृष्ण चिंतित हो उठे l नींद नहीं आई l अर्जुन की क्या स्थिति है यह देखने उनके डेरे में जा पहुंचे l वहां जाने पर देखा कि अर्जुन निश्चिन्त होकर स्वाभाविक स्थिति में सो रहे हैं l
कृष्ण ने उन्हें जगाया और पूछा --- " पार्थ ! तुमने भीष्म की प्रतिज्ञा सुनी ? "
उत्तर मिला --- " हाँ , सुनी l " कृष्ण बोले --- " फिर भी निश्चिन्त कैसे सो रहे हो ? "
अर्जुन बोले ---- " जो मेरे करने का है , सो तो मैं करूँगा ही , उसके लिए ठीक - ठाक विश्राम भी जरुरी है l इसके अतिरिक्त क्या करना है , यह मेरा रक्षक सोचता है l उसकी जागरूकता पर भरोसा है , इसलिए निश्चिन्त सोता हूँ l "
महाभारत का प्रसंग है ---- दुर्योधन ने भीष्म पितामह पर आक्षेप किया कि वे अर्जुन के प्रति मोह रखते हैं , इसलिए पूरा शौर्य प्रकट नहीं करते हैं l इस पर भीष्म ने प्रतिज्ञा की ---- कल के युद्ध में मैं या अर्जुन - में से एक की मृत्यु होगी l भीष्म की प्रतिज्ञा से पांडवों में खलबली मच गई l स्वयं कृष्ण चिंतित हो उठे l नींद नहीं आई l अर्जुन की क्या स्थिति है यह देखने उनके डेरे में जा पहुंचे l वहां जाने पर देखा कि अर्जुन निश्चिन्त होकर स्वाभाविक स्थिति में सो रहे हैं l
कृष्ण ने उन्हें जगाया और पूछा --- " पार्थ ! तुमने भीष्म की प्रतिज्ञा सुनी ? "
उत्तर मिला --- " हाँ , सुनी l " कृष्ण बोले --- " फिर भी निश्चिन्त कैसे सो रहे हो ? "
अर्जुन बोले ---- " जो मेरे करने का है , सो तो मैं करूँगा ही , उसके लिए ठीक - ठाक विश्राम भी जरुरी है l इसके अतिरिक्त क्या करना है , यह मेरा रक्षक सोचता है l उसकी जागरूकता पर भरोसा है , इसलिए निश्चिन्त सोता हूँ l "
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