धन का आकर्षण बड़ा जबरदस्त होता है l जब लोभ सवार होता है , तो मनुष्य अँधा हो जाता है और पाप - पुण्य में कुछ भी फर्क नहीं देखता है l लोभ के आते ही पाप की भावनाएं बढ़ती हैं और ऐसा व्यक्ति स्वयं भी उस पाप के परिणाम से नष्ट हो जाता है l
एक कथा है ------ तीन बुद्धिमान व्यक्ति आपस में विचार - विमर्श कर रहे थे कि दुनिया में इतना पाप कैसे बढ़ता जा रहा है , जिसके कारण लोग इतना दुःखी हैं l यह पता करें कि आखिर यह पाप कहाँ से उत्पन्न होता है ? इस पाप का बाप कौन है ? इस प्रश्न के उत्तर की खोज में वे आगे बढ़ते गए l उन्हें एक वृद्ध अनुभवी पुरुष मिला l उन्होंने उससे प्रार्थना की कि वह उन्हें पाप के बाप का पता बता दे l वृद्ध ने ऊँगली का इशारा करते हुए पर्वत की एक गुफा दिखाई और कहा ---- " देखो उस कंदरा में पाप का बाप रहता है l पर देखो ! सावधान वह तुम्हे भी पकड़ न ले l
तीनो मित्रों ने गुफा में पहुंचकर देखा , वहां सोने के बड़े - बड़े ढेर हैं , हजारों मन सोना बिखरा पड़ा है l उन्होंने निश्चय किया कि रात्रि में इस सोने को ले चलेंगे , कोई नहीं देख सकेगा l अभी भोजन कर के आराम कर लें l
तीनों के मन में स्वर्ण का लालच आ गया , वे सोचने लगे कि दो मर जाएँ तो सारा सोना उसे मिल जाये l जो दो साथी भोजन लेने गए थे , उनमे से एक ने दूसरे को तलवार से मार डाला और भोजन सामग्री में जहर मिला दिया l तीसरा साथी और भी होशियार था , उसने उस साथी के आते ही उस पर वार कर उसे मार डाला और अब वह बड़ा प्रसन्न था कि सारा सोना उसे मिल जायेगा l उसने भरपेट भोजन किया l भोजन में जहर था , उसके भी हाथ - पैर ऐंठने लगे और वह भी मर गया l लोभ के आते ही तीनो के मन में पाप आ गया और इस पाप ने ही उन तीनों का अंत कर दिया l
एक कथा है ------ तीन बुद्धिमान व्यक्ति आपस में विचार - विमर्श कर रहे थे कि दुनिया में इतना पाप कैसे बढ़ता जा रहा है , जिसके कारण लोग इतना दुःखी हैं l यह पता करें कि आखिर यह पाप कहाँ से उत्पन्न होता है ? इस पाप का बाप कौन है ? इस प्रश्न के उत्तर की खोज में वे आगे बढ़ते गए l उन्हें एक वृद्ध अनुभवी पुरुष मिला l उन्होंने उससे प्रार्थना की कि वह उन्हें पाप के बाप का पता बता दे l वृद्ध ने ऊँगली का इशारा करते हुए पर्वत की एक गुफा दिखाई और कहा ---- " देखो उस कंदरा में पाप का बाप रहता है l पर देखो ! सावधान वह तुम्हे भी पकड़ न ले l
तीनो मित्रों ने गुफा में पहुंचकर देखा , वहां सोने के बड़े - बड़े ढेर हैं , हजारों मन सोना बिखरा पड़ा है l उन्होंने निश्चय किया कि रात्रि में इस सोने को ले चलेंगे , कोई नहीं देख सकेगा l अभी भोजन कर के आराम कर लें l
तीनों के मन में स्वर्ण का लालच आ गया , वे सोचने लगे कि दो मर जाएँ तो सारा सोना उसे मिल जाये l जो दो साथी भोजन लेने गए थे , उनमे से एक ने दूसरे को तलवार से मार डाला और भोजन सामग्री में जहर मिला दिया l तीसरा साथी और भी होशियार था , उसने उस साथी के आते ही उस पर वार कर उसे मार डाला और अब वह बड़ा प्रसन्न था कि सारा सोना उसे मिल जायेगा l उसने भरपेट भोजन किया l भोजन में जहर था , उसके भी हाथ - पैर ऐंठने लगे और वह भी मर गया l लोभ के आते ही तीनो के मन में पाप आ गया और इस पाप ने ही उन तीनों का अंत कर दिया l
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