आज संसार में अधिकांश समस्याएं और आपा - धापी इसलिए है कि हर व्यक्ति भयभीत है , चारों और ' भय का कारोबार है ' l यह कारोबार एक दिन में नहीं हुआ है l मानवीय कमजोरियों से फायदा उठाने के लिए आसुरी प्रवृतियां योजनाबद्ध तरीके से यह कारोबार करती हैं l बच्चों के कई खेल - खिलौने ऐसे बनते हैं कि छोटे - छोटे दूध पीते बच्चे उन खिलौने से भयभीत हो जाते हैं l इससे उनके कोमल मन पर दुष्प्रभाव पड़ता है , उनका मन कमजोर हो जाता है l जो माताएं इस सत्य को जानती हैं , वे गर्भावस्था में ही अत्याधिक शोर , भयभीत करने वाली फिल्म आदि नकारात्मक चीजों से दूर रहती हैं l भयभीत करने वाली फ़िल्में , सीरियल , खेल आदि को लोग बहुत देखते हैं l इन सबसे क्षणिक मनोरंजन होता है लेकिन ये भी मन को कमजोर कर देती हैं l
वैसे ही तो व्यक्ति के जीवन में अनेक भय हैं --- सौंदर्य है तो बुढ़ापे का भय , धन है तो उसके चोरी का भय , सत्ता है तो उसके खोने का भय l इस भय से मुक्ति पाने के लिए व्यक्ति सौंदर्य सामग्री , धन की सुरक्षा , सत्ता को बनाये रखने के लिए हजारों - करोड़ों रूपये खर्च कर देता है l इन सबसे ऊपर है --- मृत्यु का भय l हर व्यक्ति जीना चाहता है , संसार का आकर्षण ही कुछ ऐसा है l अपनी जिंदगी पर थोड़ा सा भी खतरा व्यक्ति को बेचैन कर देता है , इसी का फायदा व्यवसायी उठाते हैं l गीता में कहा गया है --- निर्भय होकर जिओ l लेकिन जब बचपन से ही डराने वाली सामग्री से मन कमजोर हो जाये तो क्या करें ? हर समस्या से जागरूक रहकर ही निपटा जा सकता है l
वैसे ही तो व्यक्ति के जीवन में अनेक भय हैं --- सौंदर्य है तो बुढ़ापे का भय , धन है तो उसके चोरी का भय , सत्ता है तो उसके खोने का भय l इस भय से मुक्ति पाने के लिए व्यक्ति सौंदर्य सामग्री , धन की सुरक्षा , सत्ता को बनाये रखने के लिए हजारों - करोड़ों रूपये खर्च कर देता है l इन सबसे ऊपर है --- मृत्यु का भय l हर व्यक्ति जीना चाहता है , संसार का आकर्षण ही कुछ ऐसा है l अपनी जिंदगी पर थोड़ा सा भी खतरा व्यक्ति को बेचैन कर देता है , इसी का फायदा व्यवसायी उठाते हैं l गीता में कहा गया है --- निर्भय होकर जिओ l लेकिन जब बचपन से ही डराने वाली सामग्री से मन कमजोर हो जाये तो क्या करें ? हर समस्या से जागरूक रहकर ही निपटा जा सकता है l
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