इस संसार में भाँति - भाँति के लोग हैं l जब लोगों पर दुर्बुद्धि हावी हो जाती है तो उनके कार्य अपने - अपने विचार और संस्कारों के अनुसार भिन्न - भिन्न होते हैं जैसे --- रावण ने अपनी लंका सोने की बनाई , और लंका से बहुत दूर वन से सीताजी का अपहरण किया l सिकंदर ने विश्व विजय का संकल्प लिया , अपने राज्य को नहीं लूटा , दूसरे राज्यों में तबाही मचाई l इस अभियान में वह भारत भी आया l यहाँ के राजाओं ने दिल खोलकर उसकी मदद की l दुर्बुद्धि की कहानी बहुत लम्बी है मीरजाफर , जयचंद इन्होने अपने ही देश को लुटवा दिया l नादिरशाह भारत आया , यहाँ खूब लूटा , कत्ले आम किया , यहाँ का धन वैभव वह अपने देश ले गया l दुर्बुद्धि का असर ऐसा होता है कि कुछ लोग दूसरों का बगीचा लूटते हैं , कुछ अपना ही बगीचा लूटते हैं l अपने अहंकार , अपनी पशुता को पोषित करने के लिए जाति , धर्म , ऊंच - नीच के आधार पर कमजोर पर , नारी पर अत्याचार कर के , उन्ही को मार कर रौब से रहते हैं l आज सबसे बड़ी जरुरत सद्बुद्धि की है l जियो और जीने दो l
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