16 October 2020

WISDOM -----

   योगी  वरदाचरण   का  नाम   बंगाल  में  बड़ा  विख्यात  है   l   वे  किसी  को  अपना  शिष्य  नहीं  बनाते  थे  l   योग  की  प्रक्रिया  स्तर  के  अनुरूप  बता  देते  थे  l   काजी  नजरुल  इसलाम   जैसे  प्रतिभाशाली  को   उनकी  विशेष  कृपा  प्राप्त  थी   l   वे  प्रारम्भ  में  प्रेमगीत  लिखते  थे  ,  पर  योगिराज  से  मिलने  के  बाद   उनकी  दिशाधारा     बदल  गई   l   काजी  नजरुल  इसलाम   को  अपने  प्रथम  पुत्र  का  शोक  था  ,  वे  उसकी  आत्मा  से  मिलना  चाहते  थे  ,  अपने  मृत  पुत्र  के  दर्शन  करना  चाहते  थे  l   योगिराज  ने  समझाया  ,  फिर  भी  वे  न  माने   l   मुसलिम   धर्म  में  पुनर्जन्म  या  मरणोत्तर  जीवन  की  मान्यताएं  भिन्न  है  ,  उनका  बालक  आया  ,  जब  वे  गुरु  का  नाम  जप  रहे  थे   l   उनके  चारों  ओर   खेलकर  लौट  गया   l   गुरु  की  आज्ञानुसार  उन्होंने  उसे  स्पर्श  नहीं  किया   l   नजरुल  जीवन  भर  योगिराज  के  शिष्य  बने  रहे    और  उनसे  पाई  शिक्षा  को  अपने  काव्य  में  उतारते   रहे  l  

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