अर्मीनिया के सर्वोच्च सेनापति सीरोजग्रिथ का व्यक्तित्व उनकी माता ने बनाया l विधवा नार्विन ग्रीथ कपड़े सीकर किसी तरह अपने बच्चों का पेट पालती थी l बड़े बेटे ग्रिथ ने अपनी मर्जी से गरीबी के कारण स्कूल में फीस माफ कराने की अर्जी दे दी l जो परिस्थिति से पूर्णत: जानकार अध्यापक की सिफारिश पर मंजूर भी हो गई l ग्रिथ की माता को जब यह पता चला , तो उन्होंने उस सुविधा को अस्वीकार कर दिया l उनने लिखा हम लोग मेहनत कर के गुजारा करते हैं तो फीस क्यों नहीं दे सकेंगे l गरीबों में अपनी गणना कराना हमें मंजूर नहीं l हमारा स्वाभिमान कहता है कि हम गरीब नहीं , स्वावलम्बन से इन परिस्थितियों से जूझ लेंगे l
No comments:
Post a Comment