3 November 2020

WISDOM ------

   मधुसूदन  सरस्वती  भारत  के  ऐसे  प्रकांड   पंडितों  में  गिने  जाते  हैं  ,  जिनने  काशीधाम  में  बैठकर   सारी   विश्व - वसुधा  को  अपने    ज्ञान  और  भक्ति  से  प्रभावित  किया  l   अपने  गुरु   विश्वेश्वर   सरस्वती   के  आदेश  पर   यमुना  तट   पर  आसन   जमाया  l   इसी  बीच  एक  अलौकिक  घटना  घटी  l   सम्राट  अकबर   की राजमहिषी   शूल  रोग  से  बहुत  त्रस्त   थीं  l   एक  रात  उनने  स्वप्न  में  देखा   कि   यमुना  किनारे  एक  संन्यासी  तपस्या  कर  रहे  हैं   और  उनकी  औषधि   मिलते  ही   वे  स्वस्थ  हो  गईं  l  उनने  सम्राट  को  बताया  l   अकबर  ने  पता  लगाया   l   समाचार  सही   था  l   एक  तरुण  तपस्वी   चारों  ओर   से  बालू  से  ढका   तप  कर  रहा  था  l   राजमहिषी  वहां  गईं  और  अपने  रोग  के  बारे  में   तरुण  तपस्वी  मधुसूदन  सरस्वती  को  बताया  l   वे  बोले  ----- " माँ , तुम  घर  जाओ  ,  तुम  शीघ्र  ही  रोग मुक्त  हो   जाओगी   l  "  ऐसा  ही  हुआ  l   भेंट  में  मिली  दौलत  उन्होंने  स्वीकार  नहीं  की   l   इसके  बदले  संन्यासियों  की   रक्षा  करने  की  बात  कही   l   इसके  बाद  नागा  संन्यासियों  ने  आत्मरक्षा  का  प्रशिक्षण   मधुसूदन  के  मार्गदर्शन  में  लिया   और  शासन  ने  भी  उनकी  रक्षा  की   l 

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