25 December 2020

WISDOM -----

   रामतनु  लाहिड़ी  कलकत्ता  के  प्रसिद्ध   समाज सुधारक  थे  l   एक  बार  वे  अपने  मित्र  के  साथ  कहीं  जा  रहे  थे   कि   उनकी  दृष्टि  सामने  से  आते  एक  व्यक्ति  पर  पड़ी  l  अभी  तक   उस व्यक्ति  ने  लाहिड़ी  जी  को  नहीं  देखा  था   l   वे  तुरंत  एक  पेड़  की  आड़  में  छिप  गए   और  उस  व्यक्ति  के  निकल  जाने  के  बाद  ही  वहां  से  निकले   l   उनके  मित्र  को  उनका  यह  व्यवहार  कुछ   विचित्र    सा  लगा  l    उसने  उनसे  ऐसा  करने  का  कारण  पूछा   तो  वे  बोले ---- " उन  सज्जन  ने  मुझसे  कुछ  रुपयों  का  उधार  लिया   है ,  हर  बार  मेरे  सामने  पड़ने  पर   वे  अनेक  प्रकार  के  झूठे  बहाने  बनाते  हैं  ,  जिससे  मेरा  मन  बड़ा  दुःखी   होता  है  l   धर्म   सिर्फ  स्वयं  द्वारा  किए   गए   सत्कर्मों  को   नहीं  कहते  ,  वरन  दूसरे   के  अनीतिपूर्ण   आचरण   को  न  होने   देना  भी   धार्मिकता  की  सच्ची  पहचान  है  l  "  उनका  उत्तर  सुनकर  उनके  मित्र  बड़े  प्रभावित  हुए  l 

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