जब कभी गाँव के लोगों का कोई समूह पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी से मिलने आता , तो वे उन्हें उत्साहपूर्वक बताते कि वे भी गाँव के हैं l ग्रामीण जीवन के प्रति व किसानों के प्रति उनमें एक विशेष लगाव था l ऐसे ही एक बार जब किसानों का एक समूह उनसे मिलने आया , तो उन्होंने कहा ---- " बेटा ! किसान होना कोई छोटी बात नहीं है l किसान है , गाँव है , तो जीवन है l जितना किसान समृद्ध होंगे , गाँव विकसित होंगे , उतना ही जीवन विकसित और समृद्ध होगा l "
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