31 December 2020

WISDOM -----

   ' गुलामी '  एक  मानसिकता  है  l   एक  निर्धन  व्यक्ति  जिसके  पास  कुछ  भी  खोने  को  नहीं  है  ,  वह  किसी  का  गुलाम  नहीं  होता  l   उसे  तो  केवल  अपने  और  अपने  परिवार  के  भरण - पोषण  की  चिंता  होती  है  l   इसके  लिए  वह  मेहनत , मजदूरी  सब  कुछ  करने   को तैयार  होता  है  l  फिर  पेट  की  आग  और  परिवार  की  जरुरत  उससे  जो  कुछ  भी  करा  लें  !   जिसके  पास  पद - प्रतिष्ठा , धन - वैभव  सब  कुछ  है  और  उन  सबसे  बढ़कर  तृष्णा  है  ,   ऐसा   व्यक्ति सबसे  ज्यादा  भयभीत  होता  है   l   वह  हमेशा  एक  अनजाने  भय  से  घिरा  रहता  है    कि   यदि  यह  सब  नहीं  रहा  तो  उसका  क्या  होगा   ?  उसका  अहंकार , उसकी  प्रतिष्ठा  सब  कुछ  धराशायी   हो  जायेगा  l    इसी  भय  के  कारण   वह  अपने  से  शक्तिशाली  की  गुलामी  करता  है  ,  और  वह  शक्तिशाली   अपने  से  भी  ज्यादा   शक्तिशाली  की  गुलामी  करता  है  ------ यह  क्रम  चलता  रहता  है  l  वैश्वीकरण  ने  इस   श्रंखला  को  बहुत  बढ़ा   दिया   है  l   अब  सब  एक  नाव  पर  सवार  हैं  l   मनुष्य  की  इस  तृष्णा  की  वजह  से  ही  संसार  में  अशांति  है  l 

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