20 January 2021

WISDOM ----- अपने को मूल्यवान समझो

   पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  कहते  हैं  ---- ' जिसने  अपने  को  जितना  मूल्यवान  समझा   संसार  से  उसका  उतना  ही  मूल्य  प्राप्त  हुआ   l  '   टिटियन  नामक  एक  प्रसिद्ध   चित्रकार  था  l   अनेक  व्यक्ति  उसके  चित्रों  को  देखने  और  खरीदने  आते  थे    l   एक  दिन  एक  धनिक   कलाप्रेमी  आया  l  उसने  देर  तक  एक  चित्र  को  देखकर  पूछा  ---- " मैं  इस  चित्र  को  अपने  लिए  चुनता  हूँ  l   इसका  मूल्य  क्या  है   ?  '  चित्रकार  ने  शांत  स्वर  में  उत्तर  दिया ---- " पचास  गिन्नियां  l "  वह  धनी   व्यक्ति  बोला ---- " एक  छोटे  से  चित्र  का  इतना  अधिक  मूल्य  !  आपको  इस  चित्र  को  बनाने  में   कठिनता l   से  एक  सप्ताह  लगा  होगा  l   कागज , रंग  आदि  का खर्चा  तो  नहीं  के  बराबर  है  l   फिर  इसका  दाम  पचास  गिन्नियां  कैसे  ?  आप  शायद  भूल  करते  हैं   l "  टिटियन  ने  उत्तर  दिया  --- " महाशय ,  आप  भूलते  हैं  l  पूरे   तीन  साल   निरंतर  परिश्रम  करने  के  बाद   मैं  इस  योग्य  बना  हूँ   कि   ऐसे  चित्र  को  चार  दिन  में  ही  बना  सकता  हूँ   l   इसके  पीछे  मेरा  वर्षों  का  अनुभव ,  साधना  और  योग्यता  छिपी  है  l "  धनी   व्यक्ति  उसके   उत्तर से  संतुष्ट  हुआ   और  उसने   इतने बड़े  मूल्य  पर  चित्र   को  खरीद  लिया  l   यदि  चित्रकार   अपनी  कला  का  मूल्य   कम   लगाता  ,  तो  निश्चित  ही  अपनी  कला  का  मूल्य  कम  मिलता  l   अपने  को  मूल्यवान   समझें 

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