प्रसंग रूस के एकछत्र नायक रहे ब्रेझनेव से संबंधित है l वे जब भारत आए तो राजधानी में विभिन्न विशिष्ट लोगों से मुलाकात की l रामकथा के प्रसिद्ध विद्वान और वाचक पंडित कपींद्र जी भी उनसे मिले l उन्होंने ब्रेझनेव को रामचरितमानस भेंट की और कहा कि इस ग्रन्थ में जहाँ राम है वहां ' साम्यवाद ' रख देना l सीता के स्थान पर ' शक्ति ' और असुर के स्थान पर ' पूंजीपति ' फिर आपको इस ग्रन्थ की महत्ता का पता चलेगा l
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