गाँधी जी का सत्याग्रह आंदोलन चल रहा था l ब्रिटिश सरकार गाँधी जी के इन आंदोलनों को मिल रही सफलता से बहुत परेशान हो चुकी थी l एक अंग्रेज अधिकारी ने क्रोध में आकर यहाँ तक कह दिया कि ---- यदि मुझे गाँधी कहीं मिल जाए तो मैं उसे गोली से उड़ा दूँ l बात छिपने वाली नहीं थी l गाँधी जी को भी सुनने को मिल गई l वे अगले दिन सुबह ही अकेले उस अंग्रेज अधिकारी के बंगले पर पहुँच गए l उस समय वह सो रहा था l जागने पर गाँधी जी से भेंट हुई तो वे बोले ----- " मैं गाँधी हूँ l आपने मुझे मारने की प्रतिज्ञा की है l आपकी प्रतिज्ञा आसानी से पूर्ण हो सके , अत: मैं यहाँ अकेला ही चला आया l अब आपको अपना कार्य करने में सुविधा होगी l यह सुनकर वह कर्मचारी शर्मिंदा हुआ l उसके मुंह से एक शब्द भी न निकला , उसका हृदय भी परिवर्तित हो गया l
No comments:
Post a Comment