18 May 2021

WISDOM --------

     पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं  ---- ' जहाँ  राह  गलत  होती  है  वहां   जीवन  के  सार्थक  होने  का   तो  प्रश्न  ही  नहीं  उठता  l  सिकंदर  के  जीवन  और  व्यक्तित्व  से  बहुत  कुछ  सीखा  जा  सकता  है  l   सिकन्दर   का  सपना  था  विश्व विजय  करने  का   l   विश्व विजय  का  स्वप्न  देखने  वाला  अजेय  योद्धा   एक  साधारण  से  जंतु   मच्छर  का  सामना  नहीं  कर  सका  l   बेबीलोन  में  जाकर  उसकी  मृत्यु    मलेरिया  से  हुई   l  "                संसार   में  आकर्षण  इतना  है  कि   हर  व्यक्ति  चाहे       ऊंच  हो  या  नीच  ,  वह  अमीर  हो  या  गरीब  ,  स्वस्थ  हो  या  अस्वस्थ   --- सब  जीना  चाहते  हैं  l   कोई  भी  युद्ध  और  दंगों   के  ,  किसी  आपदा  और  महामारी  के  कारण  मरना  नहीं  चाहता  l   लेकिन  संसार  के   चन्द   उन्मादी , अहंकारी  और  अति  महत्वकांक्षी   लोगों  की  वजह  से   सामान्य    बेगुनाह   प्रजा ,  मासूम  बच्चे  जिन्होंने   अभी  संसार  देखा  ही  नहीं  , मारे  जाते  हैं  l   आज  संसार  में  समस्याएं  इतनी  भयावह  इसलिए  हैं   कि  क्योंकि  लोगों  पर  स्वार्थ  हावी  हो  गया  है  l    '  मृत्यु  अटल  सत्य  है  '  इससे  कोई  नहीं  बचा  है  इसलिए  ' जियो  और  जीने  दो  '  का  मन्त्र   लेकर  जीवन  को  सार्थक  करें   l 

No comments:

Post a Comment