कुटिल से मित्रता घातक होती है l ---- इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण है जो यह स्पष्ट करते हैं कि जिसने भी कुटिल व्यक्ति से जिसके हृदय में छल - कपट हो , उससे मित्रता की है तो उसका परिणाम कभी भी शुभ नहीं हुआ " l ----- रावण के पास सोने की लंका थी , धरती , आकाश और पाताल सब तरफ उसका वैभव था l किसी ने भय के कारण , तो किसी ने उसकी सम्पदा के लालच में उससे मित्रता की , परिणाम रावण समेत सबका अंत हो गया l इसी तरह दुर्योधन , इसके पास अपार वैभव था किन्तु षड्यंत्र करने से नहीं चूकता था l उससे जिसने भी मित्रता की सबका अंत हुआ l वर्तमान समय में देखें तो औरंगजेब के हाथ अपने भाइयों के खून से रंगे थे , बहुत अन्यायी और अत्याचारी था फिर भी जोधपुर के महाराज जसवंतसिंह ने उससे मित्रता की l औरंगजेब ने उनसे जी भर के फायदा उठाया और बाद में उन्हें व उनके दो पुत्रों को छल से मरवा दिया l जीवन में सफल होने के लिए विवेक और जागरूकता जरुरी है , इतिहास से हमें शिक्षा मिलती है l
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