चार्ल्स डार्विन विकासवाद के आधुनिक सिद्धांत के जन्मदाता कहे जाते हैं l उनके घरवालों ने उनकी मरणासन्न स्थिति में पादरी को बुलाया और कहा ---- " उनकी आत्मा को शांति देने वाला धर्म- संस्कार आप संपन्न करा दें l " पादरी बोले ---- "यह महोदय जीवन भर नास्तिक रहे l नास्तिक को स्वर्ग नहीं मिल सकता l पहले ये आस्तिक होने की आस्था प्रकट करें l " डार्विन की छोटी पुत्री मार्या ने कहा ---- " मेरे पापा को , जो आजीवन एक संत की तरह रहे हैं , क्या संस्कार के अभाव में नरक जाना ही पड़ेगा l क्या इन्हे बिना धर्म - संस्कार के स्वर्ग में स्थान नहीं मिल पायेगा l " पादरी ने व्यंग्य के साथ कहा ---- " स्वर्ग तो ईश्वर का घर है l वे अपने विरोधियों को क्यों प्रवेश करने देंगे l " डार्विन जो अभी कुछ बोल सकने की स्थिति में थे , उन्होंने पुत्री को बुलाया और कहा --- " पादरियों के ऐसे स्वर्ग से नरक जाना बेहतर है l तुम क्यों ऐसे व्यक्ति से बात कर रही हो , जिसे भगवान का सही पता भी नहीं मालूम l "
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