पारसियों के इतिहास में नौशेरवां एक बहुत प्रसिद्ध और न्यायशील बादशाह हुआ है l वह दयालु भी बहुत था , इसके विषय में उसकी एक घटना बहुत प्रसिद्ध है l उसने एक बहुत अच्छा ग्रन्थ लिखा और उससे मिलने वाले एक विद्वान् को दिखाया l उस विद्वान् ने उसमें कुछ अशुद्धियाँ बतलाई l नौशेरवां ने उसके बताये अनुसार उन्हें ठीक कर दिया लेकिन जब वह चला गया तो उन्हें मिटाकर फिर पहले जैसा लिख दिया l बादशाह के एक मित्र ने जब इसका कारण पूछा तो नौशेरवां ने कहा ---- ' मैं अच्छी तरह जानता था कि मैंने जो शब्द लिखे वह शुद्ध हैं l पर यदि उस समय उस विद्वान् की बात नहीं मानता तो उसके मन में बहुत दुःख होता l इसी कारण उस समय उसकी बात को स्वीकार कर लिया l "
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