लकड़हारे एक बड़े जंगल के मजबूत पेड़ों को काटने का इरादा कर के आये थे l वे चारों ओर घूमे l पेड़ों ने भी उनका इरादा समझा l जब वे चले गए तो पेड़ हँसकर बोले --- इनकी क्या बिसात है जो हम लोगों को काट सकें l इनके हाथ में लोहे की कुल्हाड़ी भर ही तो है l कुछ दिन बाद पेड़ काटने वाले फिर आये l उनके हाथ में लकड़ी के बैंट लगी हुई कुल्हाड़ियाँ थीं l इसे देखकर पेड़ घबराने लगे और कहने लगे --- जब शत्रु पक्ष में अपने ही लोगों का सहयोग जुड़ गया तो अनर्थ होने में कोई संदेह नहीं l लकड़ी के बेंत वाली कुल्हाड़ियों ने सारा जंगल धराशायी कर दिया l ------ स्वार्थ और लालच जब मन पर हावी हो जाता है तब मनुष्य पथभ्रष्ट हो जाता है l
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