12 April 2022

WISDOM-----

 पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ----' बदल  जाए  दृष्टिकोण  तो  इनसान   बदल  सकता  है  ,  दृष्टिकोण  में  परिवर्तन  से  जहान  बदल  सकता  है  l '  यदि  हमारा  दृष्टिकोण  सकारात्मक  हो  तो  जीवन  की  दिशा  बदल  जाती  है  , जीने  की  नई  राह  दिखाई  देती  हैं    लेकिन  यदि   दृष्टिकोण  नकारात्मक  हो  तो  जीवन  की  दिशा  उस  गर्त  में  जाती  है   जहाँ  से  निकलना , उबरना  आसान  नहीं  होता  है   l   अपनी  जिंदगी  के  बारे  में  निर्णय  हमें  लेना  है  , ईश्वर  ने  मनुष्य  को  चयन  की  स्वतंत्रता  दी  है  l ------ एक  कथा  है  ----- एक  गुरुकुल  में  दो  राजकुमार  पढ़ते  थे  , दोनों  अलग -अलग  राज्यों  के  वारिस  थे   l  एक  दिन  उनके  आचार्य  उन्हें   बाग   में  घुमाने  ले  गए  l   वहां  एक  आम  का  पेड़  भी  था  ,  उसी  समय  एक  बालक  आया  और   डंडा  मारकर   आम  तोड़ने  लगा  l  आचार्य  ने  राजकुमारों  से  पूछा  --" इस  विषय  में  तुम  दोनों  की  क्या  राय   है   ?  पहले  राजकुमार  ने  कहा --- " गुरूजी  !  वृक्ष  भी  बगैर  डंडा  खाए  फल  नहीं  देता  है   यानि  लोगों  पर  दबाव  डालकर  ही   उनसे  कोई  काम  कराया  जा  सकता  है  l  "  दूसरे  राजकुमार  ने  कहा  ---- " गुरूजी  !  मुझे  लगता  है  कि   जिस  प्रकार   यह  पेड़  डंडे  खाकर  भी   मीठे  आम  दे  रहा  है  ,  उसी  तरह  व्यक्ति  भी  स्वयं  दुःख  सहकर   दूसरों  को  सुख  दे  सकता  है   l   अपमान  के  बदले  उपकार  कर  सकता  है   l  "  गुरुदेव  ने  कहा ---- "  एक  ही  घटना  पर  तुम  दोनों  की  राय  अलग  है   क्योंकि  तुमहाते  दृष्टिकोण  में  भिन्नता  है  l   मनुष्य  अपने  दृष्टिकोण  के  अनुसार  ही   जीवन  की  व्याख्या  करता  है  ,  उसी  के  अनुरूप  कार्य  करता  है   और  उसी  के  अनुसार  फल  भोगता  है   l  "

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