स्वामी रामकृष्ण परमहंस की माता वृद्धावस्था में कालीघाट पर रहने लगीं l रानी रासमणि के दामाद ने उनके लिए गुजारे का प्रबंध करना चाहा , तो माता ने कहा रोज सबेरे गंगा स्नान कर के काली माँ का प्रसाद लेती हूँ l मेरे लिए यही सब कुछ है l बहुत आग्रह पर उन्होंने कुल दो पैसे का एक पान मंगाकर उनका आग्रह पूरा कर दिया l यह सुन वे बोल पड़े , हाँ माँ , यदि ये त्याग न होता तो परमहंस देव कैसे जन्मते !
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