24 September 2022

WISDOM ----

 रामकृष्ण  परमहंस  के  पास  नरेंद्र (स्वामी विवेकानंद )  को  आते  काफी  अवधि  हो  चुकी  थी  l  एक  दिन  वे  अपने  शिष्यों  से  बोले --- " अब  तक  तो  नरेंद्र  के  पास  सब  कुछ  था  ,  पर  अब  माँ  इसे  बहुत  दुःख  देंगी  l  क्यों ? क्योंकि  उन्हें  इसका  विकास  करना  है  l " नरेंद्र  को  काफी  दुःख -वेदनाएं  सहन  करनी  होंगी  l  तभी  वह  लोक -शिक्षण  हेतु  गढ़  पायेगा  अपने  आपको  l  उन्होंने  अपने  शिष्यों  को  बताया  कि  दुःख  ही  भाव -शुद्धि  करते  हैं  ,  दुःख  ही  व्यक्ति  को  अन्दर  से  मजबूत  बनाते  हैं  l  नरेंद्र  के  ऊपर  दुःखों  की  बाढ़  आ  गई  l  सब  कुछ  छिन  गया  l  रोटी  के  लिए  तरस  गए  l  कई  गहरी  पीड़ाएं  एक  साथ  आईं  l  उनने  अपनी  बहन  को  आत्महत्या  करते  देखा ,  माँ  का  रुदन  देखा  l  रामकृष्ण  उनकी  हर  पीड़ा  में  दुःख  भी  व्यक्त  करते  थे ,  पर  जानते  थे ,  यह  सब  जरुरी  है  l   इसी  ने  नरेंद्र  को  स्वामी  विवेकानंद  बनाया  l  

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