लघु -कथा ---- किसी धर्मात्मा ने जंगल में एक सुन्दर मकान और उसकी बगल में सुरम्य उद्यान इस उद्देश्य से बनवा रखा था कि उधर से आने -जाने वाले यात्री उसमे ठहरें , विश्राम करें l समय -समय पर अनेक लोग वहां आते और ठहरते रहे l वहां पर नियुक्त दरबान हर एक से पूछता --- " बताइए मालिक ने इसे किन लोगों के लिए बनाया है l : तो आने वाले अपनी -अपनी द्रष्टि से उसका उद्देश्य बताते l चोरों ने कहा ---- " एकांत में सुस्ताने , हथियार जमा करने और माल का बंटवारा करने के लिए l " व्यभिचारियों ने कहा --- " बिना किसी खटके और रोक -टोक के स्वेच्छाचारिता बरतने के लिए l " जुआरियों ने कहा --- " जुआ खेलने और लोगों की आँखों से बचे रहने के लिए l " कलाकारों ने कहा --- " एकांत का लाभ लेकर एकाग्रता पूर्वक कला का अभ्यास करने के लिए l " संतों ने कहा --- " शांत वातावरण में भजन करने और ध्यान करने के लिए l " जैसे जिसके संस्कार होते हैं , उसका किसी को देखने का नजरिया भी वैसा ही होता है l
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