31 October 2022

WISDOM ----

   इस  संसार  में  हमेशा  से  ही    देवता  और  असुरों  का  अस्तित्व  रहा  है  l  जहाँ  भी  दुर्गुण  और  दुष्प्रवृत्तियां   हैं  वही  असुरता  है  l  असुरता  का  एक  लक्ष्ण  यह  भी  है  कि  वे  मायावी  होते  हैं  अपना  रूप  बदल  लेते  हैं   जैसे  रावण  ने  सीता -हरण  के  लिए  साधु  का  रूप  धारण  कर  लिया  , सूर्पनखा  जब  श्रीराम  से  मिलने  गई  तो  उसने  सुन्दर  नारी  का  रूप  रखा  l  भगवान  कृष्ण  के  बाल्यकाल  के  प्रसंग  में  देखें  तो  सभी  राक्षस  रूप  बदलकर  आए  थे  l  ऐसा  रूप  बदलने   की  शक्ति   अभी  समाप्त  नहीं  हुई   , उसका  तरीका  बदल  गया  l  आसुरी  प्रकृति  के  जो  भी  व्यक्ति  हैं   उनका  दोहरा  व्यक्तित्व  होता  है  l  समाज  के  सामने  वे  सज्जन  और  सभ्य  बने  रहते  हैं   लेकिन   उनका  भीतरी  जीवन  कैसा  पतित  होता  है  l  समाज सेवा  और  आदर्शवादिता   का  ऐसा  नाटक  वे  करते  हैं  कि  यदि  आप  उनकी  सच्चाई  जानकर  किसी  को  बताएं  तो  कोई  उस  बात  का  विश्वास  भी  न  करे  l  ऐसे  लोगों  की  वजह  से  ही   संसार  में  शोषण , अत्याचार   और  नकारात्मकता  है    l  तनाव रहित  जीवन  जीने  के  लिए  ऐसे  लोगों  की को  पहचान कर  उनसे  दूर  रहने  में  ही  भलाई  हैं   l  

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