18 January 2023

WISDOM-----

   एक  संत  के  पास  एक  व्यक्ति  पहुंचा , बहुत  दुखी  था  l  संत  ने  उससे  पूछा  --क्या  बात  है  , बताओ  , इतना  परेशान  क्यों  हो  ?  संत  का  स्नेह  पा  कर  उसने  अपने  मन  की  सारी  बात  कह  डाली  कि  उसकी  पत्नी  उससे  बहुत  झगड़ा  करती  है , कटु  शब्द  बोलती  है  , वह  परेशान  हो  चुका  है  और  तलाक  देना  चाहता  है  l  कैसे  भी  पीछा  छूटे  , कोई  उपाय  बताएं  ?  संत  ने  उसकी  सारी  बातें  बहुत  ध्यान  से  सुनी  , फिर  पूछा  -- वह  एक  महीने  में  कितनी  बार  झगड़ा  करती  है  ?  उस  व्यक्ति  ने  कहा --- यही  कोई  पांच , छह  बार  l  संत  ने  पूछा  --- और  शेष  दिन  ?   उस  व्यक्ति  ने  कहा ---  शेष  दिन  तो  वह   मुझे  गरम  खाना  खिलाती  है , मेरी  माँ  का  भी  बहुत  ध्यान  रखती  है , बच्चों  को   स्कूल  भेजना , सारी  जिम्मेदारी  उठाती  है , बच्चों  को  घर  में  पढ़ाना  आदि  सब  काम  करती  है  l  तब  संत  ने  कहा ---- ' पच्चीस  दिन  के  सुखी  जीवन  के  लिए  तुम  उसका  5 -6   दिन  का  कटु  व्यवहार  सहन  नहीं  कर  सकते  ?   अपने  मन  के  तराजू  के  एक  पलड़े  में  उससे  मिलने  वाले  सुख  को  रखो  और  दूसरे  पलड़े  में  उससे  जो  कष्ट  होता  है  उन  कष्टों  को  रखो  ,  फिर  देखो  कौन  सा  पलड़ा  भारी  है   ?  जल्दबाजी  में  कोई  निर्णय  न  लो   अन्यथा  पछतावे  के  सिवा  और  कुछ  हासिल  नहीं  होगा  l  '   संत   के  वचनों  से  उस  व्यक्ति  के  ऊपर  छाई  हुई  नकारात्मकता  हट  गई  ,  उसकी  आँखें  खुल  गईं   l  सुखी  जीवन  जीने  का  मन्त्र  उसे  मिल  गया  l  

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