आज संसार में जितनी भी समस्याएं हैं , जाति , धर्म आदि के नाम पर जो झगड़े हैं , उनके मूल में एक ही कारण है कि मनुष्य की चेतना को उच्च स्तर पर ले जाने का कोई प्रयास नहीं हुआ l भौतिक विकास तो बहुत हुआ लेकिन मानवीय मूल्यों को विकसित करने का कोई प्रयास नहीं हुआ l स्वार्थ , लालच , महत्वाकांक्षा जैसे दुर्गुणों के कारण ही समाज में अशांति है l नेता चाहता है उसे वोट मिल जाए , उसकी गद्दी सलामत रहे , चाहे समाज बाँट जाये , जिनके पास धन -संपदा है , वे चाहते हैं पूरी दुनिया को अपना गुलाम बना लें , जो अपने को श्रेष्ठ समझते हैं , वे दूसरों को अपमानित करने में आनंद लेते हैं , और स्वयं में चाहे कितने भी ऐब हों , चाहते हैं उनका सम्मान किया जाये l मनुष्य की ये मानसिक कमजोरियां , उसके दुर्गुण उसे पशुता की ओर ले जाते है , जो स्वयं उसके लिए और सम्पूर्ण समाज के लिए घातक हैं l संसार में सुख -शांति चाहिए तो मनुष्य को इनसान बनाने का प्रयास करना होगा l
No comments:
Post a Comment