22 September 2023

WISDOM ----

   अध्यात्म  रामायण  में  एक  कथा  है ---- एक  बार  भगवान  राम  और  लक्ष्मण  एक  सरोवर  में  स्नान  के  लिए  उतरे  l   उतरते  समय   उन्होंने  अपने -अपने  धनुष  बाहर  तट  पर  गाड़  दिए  l  जब  वे  स्नान  कर  के  बाहर  निकले   तो  लक्ष्मण  ने  देखा   उनके  धनुष  की  नोक  पर  रक्त  लगा  हुआ  है  l  उन्होंने  भगवान  राम  से  कहा  --- लगता  है  अनजाने  में  कोई  हिंसा  हो  गई  l  दोनों  ने  मिटटी  हटाकर  देखा  तो   वहां  एक  मेढ़क  मरणासन्न  पड़ा  है  l  भगवान  राम  ने   करुणावश     मेढ़क  से  कहा  ---- "  तुमने  आवाज  क्यों  नहीं  दी  ?  हम  लोग  तुम्हे  बचा  लेते  l  जब  सांप  पकड़ता  है  ,  तब  तुम  खूब  आवाज  लगाते  हो  ,  धनुष  लगा  तो  क्यों  नहीं  बोले  ? '  मेढ़क  बोला  ---- " प्रभु  !  जब  सांप  पकड़ता  है   तो  मैं  राम -राम  चिल्लाता  हूँ  ,  पर  आज  देखा  कि   भगवान  राम  स्वयं  धनुष  लगा  रहे  हैं  ,  तो  मैं  किसे  पुकारता  ?  बस ,  इसे  अपना  सौभाग्य  मानकर  चुपचाप  लेता  रहा  l  "  सच्चे  भक्त  जीवन  के  हर  क्षण  को   भगवान  का  आशीर्वाद  मानकर   उसे  स्वीकार  करते  हैं  l   सुख  ईश्वर  की  कृपा  है    तो  दुःख   देकर  ईश्वर  हमें  कुछ  सिखाना  चाहते  हैं  l  

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