पं . श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखते हैं ----' लोभ का अर्थ है --- कुछ पाने की लालसा , इस लालसा से प्रवृत्त होकर मनुष्य में कामनाएं , महत्वाकांक्षाएं पनपती हैं और उनके पूरा न होने पर मन में अशांति जन्म लेती है l मन एक भिखारी की तरह है सदा कुछ मांगता ही रहता है l उसे जितना दें , उतनी ही उसकी कामना बढ़ती जाती है l जितना पाने की लालसा या लोभ बढ़ता है , उतनी ही इनसान की दौड़ -धूप बढती है l उतना ही व्यक्ति नए -नए तरीकों से उस वस्तु को पाने का प्रयत्न करता है l एक तरीके से न मिले तो दूसरे तरीकों की तलाश करता है l लालसा जितनी तीव्र होती है --- उतना ही मनुष्य नए -नए विभिन्न तरीकों के कर्मों से उस लालसा को पूरा करने का प्रयत्न करता है l इससे भी जब सारी कामनाएं मन की पूरी नहीं हो पातीं तो मनुष्य विक्षिप्त , अशांत हो जाता है l ' शास्त्रों में ययाति की कथा आती है ---- वह राजा था l उसने सौ वर्ष का जीवन जी लिया तो यम के दूत उसे लेने आ गए l वह उनके आगे हाथ -पैर जोड़ने लगा --- मेरे मन में अनेकों लालसाएं हैं जो अभो पूरी नहीं हुईं , कृपया एक मौका और दें l यमदूत बोले --- " यदि तुम्हे कोई अपनी आयु दे दे , तो तुम उसकी आयु का भोग कर लेना l " ययाति के एक पुत्र ने उसे अपनी आयु दे दी l जब ययाति ने वह आयु भोग ली तो यमदूत दोबारा आए , ययाति फिर उनसे प्रार्थना करने लगा क्योंकि उसकी कामनाएं शेष थीं l फिर किसी ने उसे अपनी आयु दे दी l कहते हैं ऐसा हजार वर्ष तक होता रहा , परन्तु तब भी उसकी कामनाएं शांत नहीं हुईं l अंत में वह विक्षिप्त की तरह हो गया l पुराण की यह कथा कलियुग की एक बहुत बड़ी समस्या की ओर इशारा करती है l कलियुग में मनुष्य की बुद्धि विकृत हो गई है , मानसिक विकार चरम पर हैं , विज्ञानं ने बहुत आगे बढ़कर मनुष्य के मन पर भी कब्ज़ा करने का प्रयत्न किया है l उस युग में ययाति ने अपने पुत्र -पौत्रों से आयु मांगी थी लेकिन इस युग में संसार में एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो आयु मांगकर किसी का एहसान नहीं लेता , वह ऐसे गुप्त तरीकों से शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ लोगों की एनर्जी चुराकर , चूसकर उन्हें खोखला कर देता है और उनकी एनर्जी पर स्वयं भोग-विलास का जीवन जीता है और संभवतः दूसरों को भी इस एनर्जी की सप्लाई करता है इन्हें एनर्जी वैम्पायर ' कहते हैं l ऐसे लोगों से अपनी सुरक्षा करने के लिए ही हमारे धर्म ग्रंथों में नमस्कार करने का प्रावधान है , हाथ मिलाने का नहीं l केवल जागरूक होकर ही ऐसे लोगों से सुरक्षा संभव है l
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