29 October 2023

WISDOM -----

      एक  जिज्ञासु  ने  एक  विद्वान्  से  पूछा  ------  इस  संसार  में  अब  तक  इतने  महात्मा , साधु -संत  और  अवतार  हो  चुके  हैं  ,  सबने  इस  दुनिया  को  भला  बनाने  का  प्रयास  किया  ,  पर  किसी  के  प्रयत्नों  का  कोई  फल  नहीं  हुआ  l  संसार  जैसे  का  तैसा  पापपूर्ण  अभी  भी  बना  हुआ  है  , इसमें  सदा  ही  बुराइयों  की  भरमार  रहती  है  l '   जिज्ञासु  ने   उस  व्यक्ति  को  एक  कहानी  सुनाई  ----   एक  गरीब  आदमी  ने  किसी  तरह   भूत  को  अपने  वश  में  करने  की  सिद्धि  प्राप्त  कर  ली  l  भूत  सामने  आ  गया  और  बोला ---- महोदय  !   मुझसे  जो  चाहे  काम  करा  लो  लेकिन  मैं  ठाली  न  बैठूँगा  ,  जब  ठाली  रहूँगा  तो  आप  पर  ही  पिल  पडूंगा  l "    अब    गरीब  आदमी   ने  उससे  महल , नौकर , खजाना , सभी  सुख  सुविधाएँ  एक -एक  कर  के  जुटा  लीं  l    हर  कार्य  तुरंत  कर  के  उसके  सामने  खड़ा  हो  जाता  की  अब  और  काम  बताओ    l  वह  व्यक्ति  परेशान  हो  गया   l  एक  तांत्रिक  की  सलाह  पर  उसने   भूत  को  कुत्ते  की  पूंछ  सीधी   करने  का  काम  सौंप  दिया  l  अब  भूत  जितनी  बार  भी  उस  पूंछ  को  सीधी  करता  वह  फिर   टेढ़ी   हो  जाती  l  इस  तरह  उसे  उस   भूत  से  छुटकारा  मिला  l    यह  कथा   सुनाकर   विद्वान्  ने  जिज्ञासु   से  कहा  ---- हमारा  मन  भी  एक  प्रकार  का  भूत  है   जो  हर  समय  संसार  के  सुखों  के  पीछे  भागता  रहता  है  l  परमात्मा  ने  संसार  में  इतनी  बुराइयाँ  इसलिए   छोड़  रखी  हैं    कि  मनुष्य   अपने  मन  को   कुत्ते  की  पूंछ  को  सीधा  करने  यानि  इन  बुराइयों  को  दूर  करने  में  लगाये  l  ये  बुराइयाँ  आत्मउद्धार  का  अभ्यास  करने  के  लिए  हैं  l  निरंतर  अभ्यास  कर  के  मनुष्य  अपने  मन  पर  नियंत्रण  कर  अपने  विकारों  को  दूर  कर  सकता   और  अपनी  चेतना  को  परिष्कृत  कर  सकता  है  l  

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