18 April 2025

WISDOM ------

   संसार  में  अच्छाई  और  बुराई  दोनों  हैं  l  सन्मार्ग  पर  चलने  वाले   हैं  तो  दूसरी  ओर   दुष्ट  प्रवृत्ति  के   लोगों  की  कमी  नहीं  l   एक  तरह  से  देखा  जाए  तो  दुष्ट  प्रवृत्ति  के  लोगों  की  संसार  में  उपस्थिति  बहुत  जरुरी  है   क्योंकि  जब  ये  लोग   सीधे -सच्चे  लोगों  को   सताते  हैं  , उन्हें  उत्पीड़ित  करते  हैं   तो  इसके  दो  फायदे  होते  हैं  --- एक  यह  कि  उत्पीड़न   लगातार  सहन  करते  रहने  से  उनकी  भीतर  की  सोयी  हुई  गुप्त  शक्तियां  जाग्रत  होने  लगती  हैं  ,  सत्य  की  ताकत  से  उनका  आत्मिक  बल  बढ़ने  लगता  है  l  जो  सन्मार्ग  पर  है  उसे  यह  विश्वास  होता  है  कि  उसके  साथ  ईश्वर  है   इसलिए  वे  निरंतर  संघर्ष  करते  हैं   , कभी  निराश  नहीं  होते  l  दुष्ट  व्यक्तियों  की  उपस्थिति  का  दूसरा  सबसे  बड़ा  फायदा  यह  होता  है  कि   ऐसी  सामूहिक  दुष्टता  के  निवारण  के  लिए  स्वयं  भगवान  को  धरती  पर  आना  पड़ता  है  l   अपने  भक्तों  को  उत्पीड़ित  करने  वाले   को  भगवान  कभी  क्षमा  नहीं  करते  l  यदि  दसों  दिशाओं  में  रावण  का  आतंक  नहीं  होता  ,  उसके  अत्याचार   की   अति  न  होती  तो  भगवन  श्रीराम   इस  धरती  पर  क्यों  आते  ?  रावण  था  ,  तभी  श्रीराम  आए  l    यदि  कंस  जैसा  पापी  न  होता   तो  भगवान  श्रीकृष्ण  क्यों  आते  ?   उस  युग  में  अधर्म , अत्याचार , अन्याय   इतना  अधिक  था  कि  ईश्वर  को  अपना  वैकुण्ठ  धाम  छोड़कर  धरती  पर  आना  पड़ा  l  हिरण्यकश्यप  ने  अपने  ही  पुत्र  प्रह्लाद  को  इतना  सताया  कि   नृसिंह  भगवान  खम्भे  से  प्रकट  हो  गए  l  इस  द्रष्टि  से  दुष्ट  व्यक्ति  भी  प्रशंसनीय  है  l    वे  बेचारे  पाप  कर्म  कर  के  अपना  पाप  का  घड़ा  भरते  जाते  हैं   और  जो  उनके  इन  दुष्कृत्यों   को  चुनौती  मानकर   उनका  सामना  करे   तो  वह  सफलता  के  पथ  पर  आगे  बढ़ता  जाता  है  l  दुष्ट  व्यक्तियों  ने  पत्थर  फेंके  और  समझदार  उनसे  सीढ़ी  बनाकर  ऊपर  चढ़  गया  l  यह  संसार  एक  रंगमंच  है  हमें  बड़ी  समझदारी  से  अपनी  भूमिका  निभानी  है  l  

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