20 April 2025

WISDOM -----

 पं . श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ----- " पाप  पहले  तो   आकर्षक  लगता  है  l  फिर  आसान  हो  जाता  है  l  इसके  बाद  आनंद  का  आभास  देने  लगता  है  तथा  अनिवार्य  प्रतीत  होने  लगता  है  l  क्रमशः   वह  हठी    और  ढीठ  बन  जाता  है  l  अंततः  सर्वनाश  कर  के  हटता  है  l  "   महाभारत   में  यही  सत्य  सामने  आया  l  धृतराष्ट्र  के  अंधे  मोह  ने  दुर्योधन  को  हठी  बना  दिया  ,  बाल्यकाल  से  ही  वह  पांडवों  के  विरुद्ध  षड्यंत्र  रचने  लगा  l   दुर्योधन   पितामह  भीष्म  और  गुरु  द्रोणाचार्य  की  भी  कोई  बात  नहीं  मानता  था  l    मामा  शकुनि  का  साथ  मिल  जाने  से  छल ' कपट  और  षड्यंत्र   करना  उसकी  आदत  बन  गए  l  पांडवों  को  सताने  में  उसे  आनंद  आने  लगा  l  हर  अति  का  अंत  होता  है   l  दुर्योधन  के  ऐसे  हठी  स्वभाव  के  कारण  ही  कौरव  वंश  का  सर्वनाश  हो  गया  l  

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