28 May 2025

WISDOM ------

 लघु  कथा ----  दो  भाइयों  के  पास  समुचित  धन  था  l  परलोक  सुधारने  के  उदेश्य  से   दोनों  ने  तीर्थयात्रा  पर  जाने    एवं  दान करने  का  निर्णय  लिया  l  धन  की  आवश्यकता  किसे  है  और  किसे  नहीं  ,  इसका  विवेक  न  रखकर  ,  वे  धन  लुटाते  रहे  l  जब  लौट  रहे  थे  तो  देखा  कि  एक  व्यक्ति   ठंड  से  सिकुड़  रहा  है  l  उनके  पास  लौटने  भर  का  धन  था  शेष  वे  लुटा  चुके  थे   लेकिन  वे  कीमती  वस्त्र  पहने   और  शाल  ओढ़े  थे  ,  पर  यह  विवेक  न  था   कि  अब  भी  कुछ  जरूरतमंद  को  दिया  जा  सकता  है  l  इसी  बीच  देखा  कि  एक  निर्धन  व्यक्ति  उस  राह  से  गुजरा  l  ठंड  से  सिकुड़ते  व्यक्ति  को  उसने  अपनी  ऊनी  चादर  ओढ़ा  दी   और  चला  गया  l  दोनों  भाई  एक  दूसरे  को  देख  रहे  थे  l  छोटा  भाई  बोला  ---- " भाई  !  लगता  है  इसका  दान  हमारे  दान  से  श्रेष्ठ  है  l  इसकी  तुलना  में  हमारा  सारी  सम्पत्ति  लुटाना  व्यर्थ  चला  गया  l  "  उन्हें  समझ  आया  कि   दान  सुपात्र  को  दिया  जाए  , तभी  सार्थक  होता  है  l 

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