17 July 2025

WISDOM ------

  प्राकृतिक  आपदाएं  तो संसार  में  शुरू  से  ही  आती  रही  हैं    लेकिन  मनुष्य  अपनी  गलतियों  से  इन  आपदाओं  की  तीव्रता  को  बढ़ा  देता  है  l  मनुष्य  कहाँ  गलत  है  इसे  सरल  ढंग  से  समझा  जा  सकता  है  , जैसे  --मनुष्य  अपनी  धन -संपदा ,  गहने , बहुमूल्य  धातुओं  को  बहुत  संभालकर  , छुपाकर  रखता  है  l  चोरी  से  बचने  के  लिए  तो  छुपाकर  रखा  ही  जाता  है   लेकिन  यदि  ये  बहुमूल्य  संपदा  --हीरे , मोती , स्वर्ण  आदि   सड़क  पर   बिखेर  दिए  जाएँ  तो   लूट मच  जाए , बलवा  हो  जाए  l  बेवजह   सामाजिक  जीवन  में  संकट  न  हो  इसलिए  जीवन  के  सभी  क्षेत्रों  में  मर्यादा  जरुरी  है  l  इसी  तरह  धरती  माँ  अपनी  बहुमूल्य  संपदा  को  अपने  गर्भ  में  छुपाकर  रखती  है   और  ऐसी  संपदा  जिससे  मानव  जीवन  के  अस्तित्व  पर  खतरे  के  बादल  आ  जाएँ  , उन्हें  और  भी  गहराई  में  छुपाकर  धरती  माँ  रखती  है  l  लेकिन  अब  इसे  मनुष्य  का  लालच  कहें  या  असुरक्षा  का  भाव ,   मनुष्य     बहुत  गहराई  तक  खोदकर    वह  सब  सामग्री  धरती  के  ऊपर  ले  आया    जिनसे  बम  और  मारक  अस्त्र -शस्त्र  बनते  हैं  l  मनुष्य  ने  मर्यादा  का  उल्लंघन  कर  दिया  ,  इसलिए    अब  विध्वंसक  रूप  में  प्राकृतिक  आपदाएं  आना  स्वाभाविक  है  l  सहन  शक्ति  की  भी  कोई  सीमा  होती  है   l  एक  ओर  तो  धरती  पर  पाप , अपराध , अत्याचार  बढ़ता  जा  रहा  है   और  इसके  साथ  मनुष्य  तंत्र , ब्लैक मैजिक  , भूत , प्रेत  आदि  नकारात्मक  शक्तियों   के  प्रयोग  से   सम्पूर्ण  वातावरण  को  नकारात्मक  बना  रहा  है  l  नकारात्मक  शक्तियों  को  भी  तो  अपनी  खुराक  चाहिए  l  मनुष्य  के  अस्तित्व  पर  दोहरा  आक्रमण  है  --एक  ओर  प्रकृति  नाराज  है   इसलिए  सामूहिक  दंड  देती  है   l  दूसरी  ओर  नकारात्मक  शक्तियां  अपनी  खुराक  के  लिए   ऐसी  ह्रदय विदारक  घटनाओं  को  रचती  हैं  , इससे  उनको  खुराक  भी  मिलती  है  और उनकी  फौज  भी  बढ़ती  है  l  कहते  हैं  जब  जागो , तभी  सवेरा  l  संसार  के  सभी    देश  अपने  विध्वंसक  हथियारों , बम  आदि  को  समुद्र  में  फेंक  दें , इस  तरह  लड़ने  से  कोई  स्वर्ग  का  सिंहासन  तो  मिल  नहीं  रहा  !   प्रत्येक  मनुष्य  जागरूक  हो  , मर्यादा  में  रहे  , अपने  गलत  कर्मों  से  अगले  जन्म  में  भूत -प्रेत  बनने  की  तैयारी  न  करे  l