सुख और आनन्द ऐसे इत्र हैं ,जिन्हें जितना अधिक दूसरों पर छिड्कोगे उतनी ही सुगंध आपके भीतर समायेगी ।गुलाब से मधुमक्खी बोली "तुम जानते हो कि एक -एक करके तुम्हारे सब पुष्प तोड़ लिये जाते हैं फिर भी तुम पुष्प उत्पन्न करना बंद क्यों नहीं करते ?"गुलाब ने हँसकर कहा -मनुष्य क्या करता है ,यह देखकर संसार को सुंदर बनाने के कर्तव्य से मैं क्यों गिरूँ ,बहन फूल टूटने का दुःख कम है ,दूसरों को प्रसन्नता बांटने का संतोष अधिक महत्व का है ।
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