18 March 2013

MORAL EDUCATION

'शालीनता बिना मोल मिलती है ,परन्तु उससे सब कुछ ख़रीदा जा सकता है | '
व्यक्ति के जीवन में जितना महत्व शिक्षा का है ,उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण स्थान नैतिकता का है | नैतिक गुणों के बिना मनुष्य का सर्वांगीण विकास संभव नहीं ,इसके अभाव में कोई भी शिक्षा श्रेष्ठ भावना और उत्कृष्ट चिंतन का व्यक्ति बनाने में सदा असफल रहेगी | कोई भी व्यक्ति एक अच्छा समाजनिष्ठ नागरिक तभी बन सकेगा जब उसे आरम्भ से ही नैतिक तत्वों ,शाश्वत मूल्यों की जानकारी होगी | ऐसा शिक्षण ही विद्दार्थी को स्वावलंबी ,सहिष्णु सदाचारी ,संयमी ,कर्तव्यपरायण ,प्रमाणिक तथा परोपकारी बना सकता है | ऐसे व्यक्ति स्वयं ऊँचे उठते हैं ,आगे बढ़ते हैं तथा अपनी विशिष्टता के सहारे इस विश्व उद्दान को सुरभित समुन्नत रख सकते हैं |
नैतिकता अपने में तीन तत्वों का समावेश करती है -कर्तव्यपरायण ,विवेक द्रष्टि और ऊँचा उठने की अभीप्सा | नैतिक व्यक्ति के पास नैतिक बल होता  है जो उसकी अपार उर्जा का भंडार होता है ,यह नैतिक बल मन में इतना आत्मविश्वास पैदा कर देता है कि इनसान असंभव को संभव कर दिखाने में सफल हो जाता है | नैतिक व्यक्ति अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठावान होता है ,उसके पास विवेक द्रष्टि होती है जिसके आधार पर वह यह निर्णय करने में सक्षम होता है कि कौनसा कार्य करने योग्य है ,किस काम को पहले और कितने समय में करना है | विवेक द्रष्टि हो तो व्यक्ति शुभ अवसर को पहचान लेता है और उसके लिये श्रद्धा पूर्वक अपने ह्रदय का दरवाजा खोल देता है |

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