' धर्मपरायणता का अर्थ है-- एक ईश्वरीय सत्ता में विश्वास | ऐसा विश्वास जो मनुष्य ही नहीं हर प्राणी के प्रति प्रेम और आत्मीयता की भावना उभारता हो, संसार को एकता के सूत्र में आबद्ध करता हो | ' सच्चा धार्मिक रूढ़िगत धार्मिक व्यापारों से अपने को मुक्त रखता है | वह एक ऐसी अव्यक्त भाषा बोलता है जिसे संसार का हर व्यक्ति समझ सकता है । यह वाणी उसके अंत:करण से भाव-संवेदनाओं के रूप में प्रस्फुटित होती है । विश्व उसका परिवार और प्रत्येक मनुष्य उसका अपना बन्धु होता है । सबका कल्याण करना ही उसकी पूजा बन जाती है ।
धार्मिक होने का अर्थ है अन्तराल में पवित्रता, ह्रदय में सबके प्रति मैत्री भाव, मन में शांति, अपने पास विद्दमान साधनों में संतोष करने की प्रवृति का होना । यही नहीं व्यक्ति को कर्मनिष्ठ, श्रमशील एवं सहनशील होना चाहिये । इसी को सही अर्थों में धार्मिकता कहते हैं ।
बाबा राघवदास का जन्म पूना में हुआ । आरंभ में उनकी रूचि भगवद भक्ति और योगाभ्यास में थी । यह आवेश देर तक न रहा । उनने लोकमंगल में सच्ची ईश्वर भक्ति अनुभव की और अपनी जीवनचर्या उसी दिशा में मोड़ दी । उन्होंने गोरखपुर जिले में ढेरों पाठशालाएँ स्थापित कराई । रामायण के माध्यम से जन जीवन में स्वतंत्रता आंदोलन की भावना उकसाई । कई बार जेल गये और कोढ़ियों के लिये एक सेवाश्रम बनाकर उसे सब प्रकार से सफल बनाने में लगे रहे । लोग उन्हें गेरुए कपड़े न पहनने पर भी सच्चे संत के रूप में मानते थे और वैसी ही श्रद्धा रखते थे ।
धार्मिक होने का अर्थ है अन्तराल में पवित्रता, ह्रदय में सबके प्रति मैत्री भाव, मन में शांति, अपने पास विद्दमान साधनों में संतोष करने की प्रवृति का होना । यही नहीं व्यक्ति को कर्मनिष्ठ, श्रमशील एवं सहनशील होना चाहिये । इसी को सही अर्थों में धार्मिकता कहते हैं ।
बाबा राघवदास का जन्म पूना में हुआ । आरंभ में उनकी रूचि भगवद भक्ति और योगाभ्यास में थी । यह आवेश देर तक न रहा । उनने लोकमंगल में सच्ची ईश्वर भक्ति अनुभव की और अपनी जीवनचर्या उसी दिशा में मोड़ दी । उन्होंने गोरखपुर जिले में ढेरों पाठशालाएँ स्थापित कराई । रामायण के माध्यम से जन जीवन में स्वतंत्रता आंदोलन की भावना उकसाई । कई बार जेल गये और कोढ़ियों के लिये एक सेवाश्रम बनाकर उसे सब प्रकार से सफल बनाने में लगे रहे । लोग उन्हें गेरुए कपड़े न पहनने पर भी सच्चे संत के रूप में मानते थे और वैसी ही श्रद्धा रखते थे ।
No comments:
Post a Comment