सुमिरन यानि प्रभु से अपने संबंधों का भावपूर्ण स्मरण, जीवन को बोधपूर्ण-होशपूर्ण बनाता है ।
सूफी फकीरों ने इसका बेहतरीन प्रयोग किया । सूफी फकीर कुछ करने या कहने से पहले अल्लाह का नाम लेते हैं---- बैठने से पहले, खड़े होने से पहले अल्लाह को याद करते, कोई भी काम हो, कोई भी बात हो, अल्लाह का स्मरण अनिवार्य रूप से जुड़ा रहता है ।
माँ तारा के भक्त बंगाल के संत वामाखेपा हर काम में, हर पल माँ तारा का स्मरण करते थे ।
उनसे किसी ने पूछा---- " इससे क्या लाभ ? " तो उत्तर में उन्होंने कहा---- " अरे ! लाभ ही लाभ हैं । प्रत्येक कार्य के साथ ईश्वर का स्मरण करने से समूचा जीवन साधना बन जाता है , शरीर मंदिर का रूप ले लेता है और फिर शुभ भाव, शुभ विचारों के साथ जीवन पूर्णता की ओर बढ़ने लगता है ।
महर्षि व्यास ने वेद, पुराण, महाभारत, अठारह पुराण, आर्ष साहित्य को जन-जन तक पहुँचाया , पर उनके ह्रदय की विकलता न मिटी । वे भगवान श्रीकृष्ण से मिले । उन्हें भगवान का निर्देश मिला---- " मेरी लीला के बारे में लिखें । मेरी लीला लिखते-लिखते तुमको भगवत्प्राप्ति हो जायेगी, मन को अनिर्वचनीय शांति मिल जायेगी । "
श्रीमद् भागवत व्यास जी की अंतिम कृति है और इसी ने उन्हें विश्वविख्यात बना दिया । इसी से उन्हें आंतरिक शांति मिली ।
सूफी फकीरों ने इसका बेहतरीन प्रयोग किया । सूफी फकीर कुछ करने या कहने से पहले अल्लाह का नाम लेते हैं---- बैठने से पहले, खड़े होने से पहले अल्लाह को याद करते, कोई भी काम हो, कोई भी बात हो, अल्लाह का स्मरण अनिवार्य रूप से जुड़ा रहता है ।
माँ तारा के भक्त बंगाल के संत वामाखेपा हर काम में, हर पल माँ तारा का स्मरण करते थे ।
उनसे किसी ने पूछा---- " इससे क्या लाभ ? " तो उत्तर में उन्होंने कहा---- " अरे ! लाभ ही लाभ हैं । प्रत्येक कार्य के साथ ईश्वर का स्मरण करने से समूचा जीवन साधना बन जाता है , शरीर मंदिर का रूप ले लेता है और फिर शुभ भाव, शुभ विचारों के साथ जीवन पूर्णता की ओर बढ़ने लगता है ।
महर्षि व्यास ने वेद, पुराण, महाभारत, अठारह पुराण, आर्ष साहित्य को जन-जन तक पहुँचाया , पर उनके ह्रदय की विकलता न मिटी । वे भगवान श्रीकृष्ण से मिले । उन्हें भगवान का निर्देश मिला---- " मेरी लीला के बारे में लिखें । मेरी लीला लिखते-लिखते तुमको भगवत्प्राप्ति हो जायेगी, मन को अनिर्वचनीय शांति मिल जायेगी । "
श्रीमद् भागवत व्यास जी की अंतिम कृति है और इसी ने उन्हें विश्वविख्यात बना दिया । इसी से उन्हें आंतरिक शांति मिली ।
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