काल से बढ़कर कोई नहीं है । इनसान तो इसका खिलौना एवं निमितमात्र है । काल ही काली है और महाकाल के रूप में प्रकट होता है । सबकी माता और सबका संहार करने वाली काली वह शक्ति है, जो इनसान, उसके द्वारा निर्मित समस्त संस्थानों और आंदोलनों की शाश्वत तरंग में स्वयं को अभिव्यक्त करती है । यही मानवजाति के ह्रदय संस्थान में गुप्त रूप से कार्य करती है ।
काल का प्रवाह प्रचंड होता है । इस प्रवाह के संग जो बहता है, वह विकसित होता है, परंतु जो इसमें बाधा डालता है, वह अनंत शक्तिशाली होने के बावजूद मिट जाता है ।
वे, जो स्वयं पर गर्व करते हैं कि महान घटनाओं के जन्मदाता वही हैं, वे बड़ी भ्रांति में रहते हैं; क्योंकि प्रत्यक्ष में यह कार्य उन्हें स्वयं से संचालित होता हुआ जान पड़ता है । यदि यही अहंमन्यता बनी रही तो वे अंत में काल की गहरी खाई में जा गिरते हैं ।
परंतु वे लोग जो स्वयं को भगवान का यंत्र मानकर कार्य करते हैं तथा सारा श्रेय उसी भगवान को देते हुए चलते हैं, वे ही जीवित रहते हैं । समाज में उन्ही की प्रतिष्ठा होती है । काली उन्ही लोगों को माध्यम बनाकर कार्य करती है ।
व्यक्ति की महत्ता नहीं है । महत्ता है उसकी अंतरात्मा में स्थित अंत:शक्ति की । जो सदा अपनी अंत:शक्ति को विकसित करता है और उसे अहंकार से बचाए रखता है, वही महाकाली का यंत्र बनता है । वही राष्ट्र एवं विश्व के निर्माण-कार्य में सर्वोपरि एवं सबसे आगे खड़ा रहता है ।
काल का प्रवाह प्रचंड होता है । इस प्रवाह के संग जो बहता है, वह विकसित होता है, परंतु जो इसमें बाधा डालता है, वह अनंत शक्तिशाली होने के बावजूद मिट जाता है ।
वे, जो स्वयं पर गर्व करते हैं कि महान घटनाओं के जन्मदाता वही हैं, वे बड़ी भ्रांति में रहते हैं; क्योंकि प्रत्यक्ष में यह कार्य उन्हें स्वयं से संचालित होता हुआ जान पड़ता है । यदि यही अहंमन्यता बनी रही तो वे अंत में काल की गहरी खाई में जा गिरते हैं ।
परंतु वे लोग जो स्वयं को भगवान का यंत्र मानकर कार्य करते हैं तथा सारा श्रेय उसी भगवान को देते हुए चलते हैं, वे ही जीवित रहते हैं । समाज में उन्ही की प्रतिष्ठा होती है । काली उन्ही लोगों को माध्यम बनाकर कार्य करती है ।
व्यक्ति की महत्ता नहीं है । महत्ता है उसकी अंतरात्मा में स्थित अंत:शक्ति की । जो सदा अपनी अंत:शक्ति को विकसित करता है और उसे अहंकार से बचाए रखता है, वही महाकाली का यंत्र बनता है । वही राष्ट्र एवं विश्व के निर्माण-कार्य में सर्वोपरि एवं सबसे आगे खड़ा रहता है ।
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