मनुष्य की पहचान उसके विचारों से है, जैसे विचार वैसा व्यक्तित्व | यदि निम्नगामी, बुरे विचारों से, नकारात्मक विचारों से भरा मन होगा तो ऐसा व्यक्ति असंस्कृत एवं पशुस्तर का होगा । यदि श्रेष्ठ विचार होंगे, विधेयात्मकता ही सदा मन में होगी तो व्यक्तित्व भी मोहक, आकर्षक, प्रभावशाली होगा
ऐसे सुसंस्कृत मनुष्य ही दिव्य समाज का निर्माण करते हैं ।
विचार तथा कर्म का एक दूसरे से घनिष्ठ संबंध है । विचार एक संसाधन है जिसे नियंत्रित, संयमित और उपयोगी बनाकर अनेक चमत्कार एवं आश्चर्यजनक परिणाम उत्पन्न किये जा सकते हैं ।
संयम और समझदारी के साथ व्यवहार करने के एक अनुपम उदाहरण हैं------ बॉब हूवर ।
बॉब हूवर एक प्रसिद्ध टेस्ट पाइलट थे । एक बार वे सैनडिएगो से एअर शो में हिस्सा लेने के बाद लॉस एंजिल्स में अपने घर की तरफ लौट रहे थे कि अचानक हवा में 300 फीट की ऊँचाई पर उनके हवाई जहाज के दोनों इंजन बंद हो गये । कुशल तकनीक से उन्होंने हवाई जहाज को उतार लिया, किसी को चोट नहीं आई लेकिन इस प्रक्रिया में उनके हवाई जहाज को बहुत नुकसान पहुँचा । इस घटना के बाद हूवर ने सबसे पहले हवाई जहाज के ईंधन की जाँच की । जैसी उन्हें शंका थी, उन्होंने पाया , उनके प्रसिद्ध जहाज में गैसोलीन की जगह किसी ने जेट का ईंधन डाल दिया था ।
हवाई अड्डे पर लौटने के बाद उन्होंने उस मैकेनिक के बारे में पूछा, जिसने उनके जहाज की सर्विसिंग की थी ।
जब हूवर उसके पास पहुँचे तो उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे | उसकी गलती की वजह से एक बहुत महँगा हवाई जहाज नष्ट हो गया । हूवर ने मैकेनिक की आलोचना नहीं की और उसे फटकार भी नहीं लगाई बल्कि अपनी बाँह उसके कंधे पर रखकर कहा--- "मुझे तुम पर पूरा भरोसा है, अब तुम दोबारा ऐसा नहीं करोगे, मैं चाहता हूँ कि कल तुम मेरे एफ-51 हवाई जहाज की सर्विसिंग करो "
उनके इस व्यवहार से उस मैकेनिक के अंदर हूवर के प्रति श्रद्धा-विश्वास का भाव पनपा और फिर कभी भी उसने अपनी गलती नहीं दोहराई ।
ऐसे सुसंस्कृत मनुष्य ही दिव्य समाज का निर्माण करते हैं ।
विचार तथा कर्म का एक दूसरे से घनिष्ठ संबंध है । विचार एक संसाधन है जिसे नियंत्रित, संयमित और उपयोगी बनाकर अनेक चमत्कार एवं आश्चर्यजनक परिणाम उत्पन्न किये जा सकते हैं ।
संयम और समझदारी के साथ व्यवहार करने के एक अनुपम उदाहरण हैं------ बॉब हूवर ।
बॉब हूवर एक प्रसिद्ध टेस्ट पाइलट थे । एक बार वे सैनडिएगो से एअर शो में हिस्सा लेने के बाद लॉस एंजिल्स में अपने घर की तरफ लौट रहे थे कि अचानक हवा में 300 फीट की ऊँचाई पर उनके हवाई जहाज के दोनों इंजन बंद हो गये । कुशल तकनीक से उन्होंने हवाई जहाज को उतार लिया, किसी को चोट नहीं आई लेकिन इस प्रक्रिया में उनके हवाई जहाज को बहुत नुकसान पहुँचा । इस घटना के बाद हूवर ने सबसे पहले हवाई जहाज के ईंधन की जाँच की । जैसी उन्हें शंका थी, उन्होंने पाया , उनके प्रसिद्ध जहाज में गैसोलीन की जगह किसी ने जेट का ईंधन डाल दिया था ।
हवाई अड्डे पर लौटने के बाद उन्होंने उस मैकेनिक के बारे में पूछा, जिसने उनके जहाज की सर्विसिंग की थी ।
जब हूवर उसके पास पहुँचे तो उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे | उसकी गलती की वजह से एक बहुत महँगा हवाई जहाज नष्ट हो गया । हूवर ने मैकेनिक की आलोचना नहीं की और उसे फटकार भी नहीं लगाई बल्कि अपनी बाँह उसके कंधे पर रखकर कहा--- "मुझे तुम पर पूरा भरोसा है, अब तुम दोबारा ऐसा नहीं करोगे, मैं चाहता हूँ कि कल तुम मेरे एफ-51 हवाई जहाज की सर्विसिंग करो "
उनके इस व्यवहार से उस मैकेनिक के अंदर हूवर के प्रति श्रद्धा-विश्वास का भाव पनपा और फिर कभी भी उसने अपनी गलती नहीं दोहराई ।
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