मनुष्य  का  पराक्रम  कितना  सामर्थ्यवान  है  और  किसी  को  भी  किस  प्रकार  आगे  बढ़ाने  तथा  ऊँचा  उठाने  में  कारगर  हो  सकता  है,  इसके  रहस्य  को  प्रसिद्ध  दार्शनिक  ज्यां  पाल  सात्र  इतने  अच्छे  ढंग  से  समझाते  थे  कि  किसी  को   उस   परामर्श  प्रतिपादन  में  सन्देह  न  रह  जाता  था  ।  उनकी  मित्र-मण्डली  के  सभी  मित्र  स्वयं  को  अनेकों  के  लिए  अनुकरणीय  बना  सके  ।  एक  मित्र  दूसरे  अनेक  मित्रों  को  साथ  लेकर  आता  था,  उनकी  निश्चित  समय  पर  चलने  वाली  वार्ता  एक  प्रकार  से  जीवन  दर्शन  की  पाठ्शाला  बन  गई  थी   |
इन वार्ता में वे उन्ही प्रसंगों को छेड़ते थे जिसमे कठिनाइयों के बीच प्रसन्नता से रह सकना और सफलता के मार्ग पर चल सकना संभव हुआ हो । ऐसे घटनाक्रमों के लिये उनकी स्मृति एक विश्वकोष मानी जाती थी । जो भी परामर्श वे देते थे उनके पीछे सिद्धांत की विवेचना थोड़ी और घटनाक्रमों की लड़ी बहुत लम्बी होती थी । उदाहरण के माध्यम से वे यह समझाते थे कि साधन संपन्न व्यक्ति किस प्रकार अपनी क्षमताओं को सत्प्रयोजन में लगाकर अपने क्षेत्र में प्रशंसा का पात्र बने ।
उन्होंने सारा जीवन परमार्थ प्रयोजनों में लगाया । उनकी एक आँख आरम्भ से ही खराब थी, उनके सामने भी अनेक कठिनाइयां थीं पर एक दिन के लिए भी कभी किसी ने उन्हें खिन्न, उदास या परेशान नहीं देखा । जीवन कों आनंद से भरा-पूरा बनाने के लिए उन्होंने अपने अनुभवों का सार-संक्षेप अनेक लेखों में लिखा ।
उनकी शिक्षाओं ने अनेकों के मुरझाये जीवन में उल्लास भरी किरणें उत्पन्न करने में सफलता पाई ।
इन वार्ता में वे उन्ही प्रसंगों को छेड़ते थे जिसमे कठिनाइयों के बीच प्रसन्नता से रह सकना और सफलता के मार्ग पर चल सकना संभव हुआ हो । ऐसे घटनाक्रमों के लिये उनकी स्मृति एक विश्वकोष मानी जाती थी । जो भी परामर्श वे देते थे उनके पीछे सिद्धांत की विवेचना थोड़ी और घटनाक्रमों की लड़ी बहुत लम्बी होती थी । उदाहरण के माध्यम से वे यह समझाते थे कि साधन संपन्न व्यक्ति किस प्रकार अपनी क्षमताओं को सत्प्रयोजन में लगाकर अपने क्षेत्र में प्रशंसा का पात्र बने ।
उन्होंने सारा जीवन परमार्थ प्रयोजनों में लगाया । उनकी एक आँख आरम्भ से ही खराब थी, उनके सामने भी अनेक कठिनाइयां थीं पर एक दिन के लिए भी कभी किसी ने उन्हें खिन्न, उदास या परेशान नहीं देखा । जीवन कों आनंद से भरा-पूरा बनाने के लिए उन्होंने अपने अनुभवों का सार-संक्षेप अनेक लेखों में लिखा ।
उनकी शिक्षाओं ने अनेकों के मुरझाये जीवन में उल्लास भरी किरणें उत्पन्न करने में सफलता पाई ।
No comments:
Post a Comment