' आज के विलासितापूर्ण जीवन जीने वाले धर्म क्षेत्र के दिग्गजों के लिए गाडगे बाबा एक आदर्श छोड़ गये हैं । '
संत गाडगे महाराज महाराष्ट्र में पूजे जाते हैं । उनका जन्म महाराष्ट्र के अमरावती जिले में 1876 में हुआ था । उन्होंने अस्वच्छता - निवारण व व्यसन मुक्ति के क्षेत्र में बड़ा काम किया ।
महाराष्ट्र के कोने - कोने में उनने अनेक धर्मशालाएं , गौशाला, छात्रावास , विद्दालय , दवाखानो का निर्माण करवाया l इसके लिए उनने जन - जन के पास जाकर राशि मांगी , पर इस महापुरुष ने अपने लिए एक कुटिया तक नहीं बनाई । वे दरिद्रनारायण के उपासक थे और यही भाव उनने जन - जन में जगाया । उन्होंने पीड़ित मानवता की सेवा के रूप में ही ईश्वर की सच्ची उपासना की ।
संत गाडगे महाराज महाराष्ट्र में पूजे जाते हैं । उनका जन्म महाराष्ट्र के अमरावती जिले में 1876 में हुआ था । उन्होंने अस्वच्छता - निवारण व व्यसन मुक्ति के क्षेत्र में बड़ा काम किया ।
महाराष्ट्र के कोने - कोने में उनने अनेक धर्मशालाएं , गौशाला, छात्रावास , विद्दालय , दवाखानो का निर्माण करवाया l इसके लिए उनने जन - जन के पास जाकर राशि मांगी , पर इस महापुरुष ने अपने लिए एक कुटिया तक नहीं बनाई । वे दरिद्रनारायण के उपासक थे और यही भाव उनने जन - जन में जगाया । उन्होंने पीड़ित मानवता की सेवा के रूप में ही ईश्वर की सच्ची उपासना की ।
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