' युद्ध कर्म में जीवन व्यतीत करते हुए भी ह्रदय पक्ष को इतना सजीव रखने के कारण ही नेल्सन अपने सैनिकों का ' अपना ' बन सका था | '
फ्रांसीसी जहाज ' ओरियंट ' में आग लग गई , मस्तूल उड़ गया । सैनिक समुद्र में कूद पड़े । शत्रु के सैनिक होते हुए भी उन 70 सैनिकों को नेल्सन ने बचाया । नेल्सन में शत्रु सैनिकों के प्रति भी ममत्व था । बंदी सैनिकों के प्रति भी उसका व्यवहार मानवीय ही रहा ।
अपने अधीन काम करने वाले सैनिकों तथा अफसरों के साथ उसका व्यवहार परिवार जैसा था । उनकी कठिनाइयों की ओर उसका ध्यान रहता था । उनकी प्रगति के लिए वह कमांडर - इन - चीफ को लिखा करता था | अपने उच्च अधिकारियों का वह सम्मान किया करता था । इस व्यवहार के कारण वह सबका ' अपना आदमी ' हो गया था | कई बार उसको बचाने के लिए उसके सैनिकों ने अपनी मृत्यु को स्वीकार किया था । यह गुण उसे एक महान योद्धा और सफल सेनानायक बनाने में सहायक हुआ l
फ्रांसीसी जहाज ' ओरियंट ' में आग लग गई , मस्तूल उड़ गया । सैनिक समुद्र में कूद पड़े । शत्रु के सैनिक होते हुए भी उन 70 सैनिकों को नेल्सन ने बचाया । नेल्सन में शत्रु सैनिकों के प्रति भी ममत्व था । बंदी सैनिकों के प्रति भी उसका व्यवहार मानवीय ही रहा ।
अपने अधीन काम करने वाले सैनिकों तथा अफसरों के साथ उसका व्यवहार परिवार जैसा था । उनकी कठिनाइयों की ओर उसका ध्यान रहता था । उनकी प्रगति के लिए वह कमांडर - इन - चीफ को लिखा करता था | अपने उच्च अधिकारियों का वह सम्मान किया करता था । इस व्यवहार के कारण वह सबका ' अपना आदमी ' हो गया था | कई बार उसको बचाने के लिए उसके सैनिकों ने अपनी मृत्यु को स्वीकार किया था । यह गुण उसे एक महान योद्धा और सफल सेनानायक बनाने में सहायक हुआ l
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