' जिसका आचरण शुद्ध , चरित्र उज्जवल , और मंतव्य नि:स्वार्थ है उसके विचार तेजस्वी होंगे ही , जिन्हें क्या साधारण और क्या असाधारण कोई भी व्यक्ति स्वीकार करने के लिए सदैव तत्पर रहेगा । '
समझदार समाज - सुधारक , बुद्धिमान राष्ट्र नायक विचार बल से ही किसी परिवर्तन को लाने का प्रयत्न किया करते हैं । किसी बाह्य शक्ति का सहारा लेने की अपेक्षा अपने उन विचारों को ही तेजस्वी बनाना ठीक होता है जिनको कोई हितकर समझकर समाज अथवा व्यक्ति में समावेश करना चाहता है ।
समझदार समाज - सुधारक , बुद्धिमान राष्ट्र नायक विचार बल से ही किसी परिवर्तन को लाने का प्रयत्न किया करते हैं । किसी बाह्य शक्ति का सहारा लेने की अपेक्षा अपने उन विचारों को ही तेजस्वी बनाना ठीक होता है जिनको कोई हितकर समझकर समाज अथवा व्यक्ति में समावेश करना चाहता है ।
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