लेटिन कोलम्बिया के इतिहास में रेस्ट्रेपो लिरास राष्ट्र उद्धारक की तरह अवतरित होने वाले लौह पुरुष हैं । समस्याएं तो प्रत्येक राष्ट्र के सम्मुख आती हैं | पर उनका सटीक समाधान खोजना तथा उसे हल करना प्रत्येक राजनीतिज्ञ के बलबूते का नहीं होता । कई तो अपने पद की चिन्ता में ही लगे रहते हैं , कई जोखिम उठा नहीं सकते । पद का मोह छोड़कर राष्ट्र की अहर्निश सेवा का व्रत निभाने और समस्याओं की जड़ तक पहुंचकर उन्हें ढंग से सुलझाने वाले गिने - चुने राज नेताओं में रेस्ट्रेपो लिरास की गणना की जाती है । ऐसे लोगों के लिए राजनीति निजी महत्वाकांक्षा की पूर्ति का साधन नहीं वरन समाज व देश की सेवा का माध्यम होती है ।
1967 में वे लेटिन कोलम्बिया के राष्ट्रपति चुने गये । उन्होंने जनता व राष्ट्रपति के बीच की दुरी को पाटकर स्वयं को कोलम्बिया वासी प्रत्येक परिवार का एक सदस्य ' अपना ही आदमी ' बनाया । वे कहीं भी यात्रा करते , किसी भी गाँव जाते तो उनके साथ कोई अंगरक्षक नहीं होता । वे कहा करते ---" जनता के प्रतिनिधि को जनता के बीच पुलिस और अंगरक्षकों को साथ ले जाने की आवश्यकता ही क्या है ? " उन्होंने कोलम्बिया वासियों के दिलों को जीता । जनता को यह विश्वास था कि वे जो भी काम करेंगे जनता के हित में ही होगा ।
वे प्रत्येक कोलम्बिया वासी के ह्रदय में यह बात भर देना चाहते थे कि तुम तब तक उत्तम शासन नहीं पा सकते जब तक कि तुम उसके लिए प्रयास नहीं करते । जन - जन में यह चेतना जगाने का काम उन्होंने बखूबी किया ।
रेस्ट्रेपो जैसे राजनेताओं ने ही राजनीति को गरिमा प्रदान की है । ऐसे राजनेता जिस राष्ट्र को मिलते हैं वह राष्ट्र अपनी जटिल से जटिल समस्याएं सुलझाता हुआ प्रगति पथ पर अग्रसर हो सकता है ।
1967 में वे लेटिन कोलम्बिया के राष्ट्रपति चुने गये । उन्होंने जनता व राष्ट्रपति के बीच की दुरी को पाटकर स्वयं को कोलम्बिया वासी प्रत्येक परिवार का एक सदस्य ' अपना ही आदमी ' बनाया । वे कहीं भी यात्रा करते , किसी भी गाँव जाते तो उनके साथ कोई अंगरक्षक नहीं होता । वे कहा करते ---" जनता के प्रतिनिधि को जनता के बीच पुलिस और अंगरक्षकों को साथ ले जाने की आवश्यकता ही क्या है ? " उन्होंने कोलम्बिया वासियों के दिलों को जीता । जनता को यह विश्वास था कि वे जो भी काम करेंगे जनता के हित में ही होगा ।
वे प्रत्येक कोलम्बिया वासी के ह्रदय में यह बात भर देना चाहते थे कि तुम तब तक उत्तम शासन नहीं पा सकते जब तक कि तुम उसके लिए प्रयास नहीं करते । जन - जन में यह चेतना जगाने का काम उन्होंने बखूबी किया ।
रेस्ट्रेपो जैसे राजनेताओं ने ही राजनीति को गरिमा प्रदान की है । ऐसे राजनेता जिस राष्ट्र को मिलते हैं वह राष्ट्र अपनी जटिल से जटिल समस्याएं सुलझाता हुआ प्रगति पथ पर अग्रसर हो सकता है ।
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