' उस समय जब यातायात के साधनों का अभाव था , वे सत्य और शाश्वत सिद्धांतों के प्रचार के लिए न केवल भारतवर्ष की वर्तमान भौगोलिक सीमाओं में ही घूमे वरन वे नेपाल और काबुल तक पहुंचे थे । '
उनकी वाणी की प्रभावोत्पादकता , उनके तथ्यपूर्ण उपदेशों और आध्यात्मिकता से भरे -पूरे व्यक्तित्व ने समुचित प्रभाव दिखाया । उन्होंने बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग और हर जाति के लोगों को अपना शिष्य बनाया । उनका कहना था ---- " मूर्ति और कथा प्रवचन आदि तो साधन भर हैं । ' इस बात का उन्होंने खुलकर प्रचार किया । उन्होंने कहा सच्चा अध्यात्म तो अपने भीतर के देवता को , भगवन को जगाने के लिए है l
उनकी वाणी की प्रभावोत्पादकता , उनके तथ्यपूर्ण उपदेशों और आध्यात्मिकता से भरे -पूरे व्यक्तित्व ने समुचित प्रभाव दिखाया । उन्होंने बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग और हर जाति के लोगों को अपना शिष्य बनाया । उनका कहना था ---- " मूर्ति और कथा प्रवचन आदि तो साधन भर हैं । ' इस बात का उन्होंने खुलकर प्रचार किया । उन्होंने कहा सच्चा अध्यात्म तो अपने भीतर के देवता को , भगवन को जगाने के लिए है l
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