भारत के साथ सहानुभूति और प्रजातंत्र में दृढ़ विश्वास रखने वाले निर्भीक भद्र पुरुष सर ऐलेन ह्यूम परम देश भक्त और समाज - सुधारक जोसेफ ह्यूम के सुपुत्र थे । उनकी प्रथम नियुक्ति 1849 में बंगाल में उच्च अधिकारी के रूप में हुई थी । वे एक कुशल प्रशासक थे | अपनी सरकार के प्रति पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ - साथ भारतीयों के प्रति उनका व्यवहार बड़ा स्नेहपूर्ण और उदारता का रहा ।
वायसराय लार्ड मेयो ने भारत में ग्रामीण सुधार का सारा कार्यभार उन्हें सौंपा । ह्युम इस कार्य में जी - जान से जुटे । वे चाहते थे कि भारत के कृषि सुधार कार्य के लिए एक रचनात्मक योजना तैयार की जाये । परन्तु कुछ कारणों से वे यह नहीं कर सके किन्तु इस विपत्ति में उन्हें आत्म दर्शन हुआ , महसूस हुआ कि ब्रिटिश शासन भारतीयों के हित में नहीं ।
ह्यूम इस विचारधारा के थे कि कोई ऐसी जिम्मेदार संस्था भारत में होनी चाहिए जिसके द्वारा ब्रिटिश सरकार को भारतीयों की सही भावनाओं का पता चलता रहे ।
देश भर में इसका स्वागत हुआ । ह्यूम ने प्रथम भारतीय राष्ट्रीय यूनियन की स्थापना की । इस यूनियन का सदस्य होने के लिए जो पांच अनिवार्य शर्त या योग्यता थीं वो इस प्रकार हैं ------
1. सार्वजनिक रूप से निष्कलंक चरित्र
2. भारत के लोगों के आर्थिक , शारीरिक , चारित्रिक , मानसिक तथा राजनीतिक स्तर के उत्थान की प्रबल इच्छा और सच्ची भावना से ओत - प्रोत होना ।
3. बौद्धिक शक्ति और विस्तृत द्रष्टिकोण , तर्क - वितर्क की जन्मजात प्रतिभा व शिक्षा ग्रहण द्वारा मानसिक संतुलन बनाये रखने की क्षमता ।
4.जनता के हित में स्वयं के हित को बलिदान करने को तत्पर होना ।
5 . स्वाधीन और स्वतंत्र विचार तथा अपने निर्णय में स्वतंत्र होना ।
इसी यूनियन को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नाम दिया गया ।
वायसराय लार्ड मेयो ने भारत में ग्रामीण सुधार का सारा कार्यभार उन्हें सौंपा । ह्युम इस कार्य में जी - जान से जुटे । वे चाहते थे कि भारत के कृषि सुधार कार्य के लिए एक रचनात्मक योजना तैयार की जाये । परन्तु कुछ कारणों से वे यह नहीं कर सके किन्तु इस विपत्ति में उन्हें आत्म दर्शन हुआ , महसूस हुआ कि ब्रिटिश शासन भारतीयों के हित में नहीं ।
ह्यूम इस विचारधारा के थे कि कोई ऐसी जिम्मेदार संस्था भारत में होनी चाहिए जिसके द्वारा ब्रिटिश सरकार को भारतीयों की सही भावनाओं का पता चलता रहे ।
देश भर में इसका स्वागत हुआ । ह्यूम ने प्रथम भारतीय राष्ट्रीय यूनियन की स्थापना की । इस यूनियन का सदस्य होने के लिए जो पांच अनिवार्य शर्त या योग्यता थीं वो इस प्रकार हैं ------
1. सार्वजनिक रूप से निष्कलंक चरित्र
2. भारत के लोगों के आर्थिक , शारीरिक , चारित्रिक , मानसिक तथा राजनीतिक स्तर के उत्थान की प्रबल इच्छा और सच्ची भावना से ओत - प्रोत होना ।
3. बौद्धिक शक्ति और विस्तृत द्रष्टिकोण , तर्क - वितर्क की जन्मजात प्रतिभा व शिक्षा ग्रहण द्वारा मानसिक संतुलन बनाये रखने की क्षमता ।
4.जनता के हित में स्वयं के हित को बलिदान करने को तत्पर होना ।
5 . स्वाधीन और स्वतंत्र विचार तथा अपने निर्णय में स्वतंत्र होना ।
इसी यूनियन को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नाम दिया गया ।
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