क्रान्तिकारी बापट की गीता और उपनिषद में गहरी आस्था थी । वे कर्म में विश्वास रखते थे , फल तो ईश्वर के आधीन है । कर्म करते जायेंगे तो फल ईश्वर अपने आप देगा ।
1920 का महाराष्ट्र का प्रसिद्ध किसान आन्दोलन , इसका नेतृत्व किया श्री बापट ने ।
अंग्रेज सरकार ने टाटा जल विद्दुत शक्ति उत्पादन केंद्र की स्थापना के लिए सैकड़ों किसानों की भूमि को अपने कब्जे में कर लिया था । उम्होने महाराष्ट्र के समस्त किसानों को संगठित कर सत्याग्रह आन्दोलन का बिगुल बजाया । उन्हें ' सेनापति की उपाधि दी गई । देश को आजादी मिलने के बाद भी वे चुप न बैठे । 1950 में महाराष्ट्र समाजवादी दल ने अन्न आन्दोलन किया उसमे वे आगे रहे , गोवा मुक्ति संग्राम में भी आगे रहे । 86 वर्ष की आयु में भी महाराष्ट्र मैसूर सीमा विवाद के समाधान हेतु 5 दिन तक अनशन करके महाजन आयोग की नियुक्ति करवाई ।
योगी अरविन्द के ' डिवाइन लाइफ ' का मराठी में अनुवाद किया । ' चैतन्य गाथा उनकी अमर कृति है ।
1920 का महाराष्ट्र का प्रसिद्ध किसान आन्दोलन , इसका नेतृत्व किया श्री बापट ने ।
अंग्रेज सरकार ने टाटा जल विद्दुत शक्ति उत्पादन केंद्र की स्थापना के लिए सैकड़ों किसानों की भूमि को अपने कब्जे में कर लिया था । उम्होने महाराष्ट्र के समस्त किसानों को संगठित कर सत्याग्रह आन्दोलन का बिगुल बजाया । उन्हें ' सेनापति की उपाधि दी गई । देश को आजादी मिलने के बाद भी वे चुप न बैठे । 1950 में महाराष्ट्र समाजवादी दल ने अन्न आन्दोलन किया उसमे वे आगे रहे , गोवा मुक्ति संग्राम में भी आगे रहे । 86 वर्ष की आयु में भी महाराष्ट्र मैसूर सीमा विवाद के समाधान हेतु 5 दिन तक अनशन करके महाजन आयोग की नियुक्ति करवाई ।
योगी अरविन्द के ' डिवाइन लाइफ ' का मराठी में अनुवाद किया । ' चैतन्य गाथा उनकी अमर कृति है ।
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